शेयर, डिबेंचर या एफडी में किये गये सभी निवेश में जोखिम होता है। कम्पनी के निष्पादन, उद्योग, पूंजी बाजार या अर्थव्यवस्था की स्थिति के कारण शेयर का मूल्य नीचे जा सकता है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि जितने लम्बे समय के लिए निवेश किया जाता है, उतना ही कम जोखिम उसमें होता है। कम्पनियां ब्याज, मूलधन/बॉण्ड/जमा के भुगतान में दोषी हो सकती हैं। निवेश की ब्याज दर मुद्रास्फीति दर से कम हो सकती है, जिससे निवेशकों की क्रय–शक्ति घट सकती है।
जोखिम की आशंका को कभी भी खारिज नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुशल प्रबन्धन से जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड विविधीकृत निवेश और पेशेवर प्रबन्धन से जोखिम की संभावना घटा देते हैं। म्यूचुअल फंड प्रबन्धक अपने अनुभव और विशेज्ञता से सबसे उत्तम प्रतिभूतियों का ही चयन करते हैं और उचित समय पर उन्हें खरीदने/बेचने का काम करते हैं। वे विविधीकृत पोर्टफोलियो बनाने में मददगार होते हैं और जोखिम की आशंका कम से कम करके ज्यादा से ज्यादा आय की संभावना पैदा करते हैं।
very good ,congrulation