सरकार मानसून की बारिश और चीनी उत्पादन के आकलन के बाद चीनी वायदा पर लगी रोक को हटाने पर विचार करेगी। यह बात खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कही है। उन्होंने दो दिन पहले बुधवार को दिल्ली की आजादपुर मंडी में जिसों के भाव का लाइव टिकर शुरू करने के मौके पर यह बात कही है। हालांकि इसके बाद कमोडिटी बाजार के नियामक फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) के चेयरमैन बी सी खटुआ ने कहा है कि अभी चीनी वायदा से रोक हटाने की कोई जल्दी नहीं है, भले ही चीनी की कीमतों में गिरावट चल रही हो।
पवार का कहना था कि कोई भी फैसला गन्ना किसानों के हित को देखते हुए किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले सीजन में चीनी की कीमतों को देखते हुए किसानों ने इस बार गन्ने का रकबा बढ़ा दिया है। इसलिए चीनी उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद है। 2009-10 में चीनी का उत्पादन 185 लाख टन रहा है। लेकिन जानकारों के मुताबिक 2010-11 में यह 240 से 250 लाख टन रह सकता है।
पवार ने आज एक अन्य समारोह में कहा कि चीनी का उत्पादन ज्यादा रहता है तो सरकार इसका निर्यात भी कर सकती है। बता दें कि चीनी उद्योग का वित्त वर्ष अक्टूबर से सितंबर का होता है। सरकार ने चीनी वायदा पर मई 2009 में रोक लगाई थी, जो पूर्व फैसले के अनुसार सितंबर 2010 तक जारी रहेगी।