कुछ नहीं, सब असर रोलओवर का

पिछले हफ्ते बाजार के बराबर बढ़ने के बाद हमने अंदेशा जताया था कि रोलओवर के चलते इस हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर चलेगा। सोमवार को बाजार लहरों की तरह उठता-गिरता रहा। मंगलवार को उसके गिरने-उठने का ग्राफ किसी माला के आकार का रहा। हालांकि दोनों ही दिन सुबह की गिरावट शाम तक आते-आते संभल गई। इस उथल-पुथल से खास फर्क नहीं पड़ता। इसकी वजह रोलओवर है और बड़े रोलओवर होने अभी बाकी हैं। निफ्टी 5810-5820 के स्तर से पलटकर यू-टर्न लेनेवाला है। इसके बाद यह इसी सेटलमेंट में 6030 तक जा सकता है।

तेजड़िये चुनिंदा स्टॉक्स को पकड़कर अपना कमाल-धमाल दिखा रहे हैं। बाजार गिरने के बावजूद जेट एयरवेज लगातार तेजी पर है। अब टाटा मोटर्स के बाजार से आगे निकलने की बारी है। जापान के ऑटो उद्योग को रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स द्वारा डाउनग्रेड किया जाना भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए बहुत सकारात्मक है। खासकर टाटा मोटर्स सबको चौंकानेवाले नतीजे पेश करनेवाली है। इसके अलावा पहले के कुछ प्रपत्रों को इक्विटी में बदला जाना है। इससे कंपनी का फ्री-फ्लोट बढ़ेगा। इसलिए एफआईआई टाटा मोटर्स के शेयरों को उठाने के प्रति आतुर रहेंगे।

आज सुबह निफ्टी में गिरावट तब आ गई, जब टाइम्स नाऊ चैनल ने काले धन पर एक रिपोर्ट दिखा दी। वैसे, काले का धन का सच हर कोई जानता है। इसलिए इससे जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, रोलओवर के संदर्भ में बात करें तो करेक्शन का होना लाजिमी है। ऐसा ही हुआ। यह अलग बात है कि टाइम्स नाऊ की खबर ने इसे हवा दे दी। इधर, शॉर्ट सौदे करनेवाले फंसे पड़े हैं। इसलिए निफ्टी में चमक आ सकती है। अब मई के फ्यूचर्स में खरीदारी शुरू हो जाएगी जो निफ्टी को लगभग 100 अंक उठा सकती है। वैसे आज निफ्टी लगभग सपाट स्तर पर बंद हुआ है 6.10 अंक की मामूली गिरावट के साथ।

चुनिंदा स्टॉक्स को बढ़ने की उम्मीद के साथ होल्ड किए रखें और बी ग्रुप के स्तरीय स्टॉक्स को जो जितना मर्जी, उतना बटोर लें। निफ्टी को अगले दो-तीन महीनों में 6500 के पार जाना ही है। चांदी ने पहली तड़क दिखाई है जब वो एक ही दिन में 7000 रुपए गिरकर 75,000 से 68,000 रुपए प्रति किलो पर आ गई। अब हर बढ़त को तब तक इससे निकलने या शॉर्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए जब तक यह वापस 60,000 या 55,000 रुपए प्रति किलो तक नहीं आ जाती।

यूं हड़बड़ी करना अच्छा नहीं। डरते क्यों हो? आगे बढ़ने से पहले थोड़ा रुककर सोच-विचार तो कर लो।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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