खबर आई है कि पिछले हफ्ते पूंजी बाजार के 13 उस्तादों ने मुंबई में जुहू के फाइव स्टार होटल में एक मीटिंग की जिसमें तय किया गया कि उन्हें आगे कैसे और क्या करना है। इस मीटिंग में कुछ एफआईआई ब्रोकरों से लेकर प्रमुख फंड मैनेजरों व ऑपरेटरों ने शिरकत की। उनके बीच जो भी खिचड़ी पकी हो, लेकिन इससे इतना तो साफ हो गया है कि वे एक कार्टेल की तरफ काम कर रहे हैं जोऔरऔर भी

1947 में आजाद हुआ देश और 1947 में ही बनी अतुल लिमिटेड। यह अरविंद मिल्स के लालभाई समूह की कंपनी है। इसके छह बिजनेस डिवीजन हैं – एग्रो केमिकल, एरोमैटिक्स, बल्क केमिकल व इंटरमीडिएट, रंग, फार्मा संबंधी उत्पाद व पॉलिमर और सभी स्वतंत्र रूप से धंधा बढ़ाने में लगे रहते हैं। कंपनी के 36,000 से ज्यादा शेयरधारक हैं। उसके दफ्तर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन व वियतनाम तक में हैं जहां से वह अपने विदेशी ग्राहकों की जरूरतेंऔरऔर भी

मार्क मोबियस का यह कहना मेरे लिए बड़ा सुकून भरा रहा कि वे पिछले एक महीने से ब्रिक (ब्राजील, रूस, भारत व चीन) देशों में खरीदारी कर रहे हैं। मुझे तसल्ली हुई कि कम से कम मेरा एक चाहनेवाला खुल्लम-खुल्ला मान रहा है कि अनिश्चितता का दौर बाजार में खरीदारी का सबसे अच्छा वक्त होता है। निफ्टी जब 5000 या 5050 अंक पर था, तभी हमने अनुमान जताया था कि वैश्विक संकट के चलते यह 4850 तकऔरऔर भी