बाजार की दिशा का अनुमान लगाने में हम ज्यादा गलत नहीं थे। हां, शुक्रवार को हम गलत निकले क्योंकि वैश्विक बाजारों का असर हावी हो गया। लेकिन सोमवार के रुझान के लिए वैश्विक कमजोरी को वजह बताने का क्या तुक है? जैसा मैं हमेशा से मानता रहा हूं कि जब बाजार अपनी तलहटी पर होता है तभी चार्ट के धंधे और टेक्निकल सलाह वाले लोग बिक्री की सलाह दे डालते हैं। और, फिर वैश्विक बाजारों के असरऔरऔर भी

आज का दिन स्टॉप लॉस के नाम रहा। निफ्टी 5200 अंक के नीचे पहुंचा तो हर तरफ सौदे काटने का सिलसिला चल निकला। चीन ने ब्याज दरें बढ़ा दी थीं और ऑस्ट्रेलिया ने मेटल के दाम। इसलिए दुनिया के बाजारों में पहले से ही थोडी कमजोरी का आलम था। बाजार को तब सदमा-सा लग गया जब ग्रीस ने कह दिया कि उसके लिए 110 अरब यूरो की रकम शायद काफी न पड़े। हमारे लिए इसका क्या मतलबऔरऔर भी

बाजार की गति बतानेवाला बीएसई सेंसेक्स आज 17,935 अंक पर बंद हुआ। यह अब 18,000 के स्तर से कुछ ही फासले पर है। आनेवाले हफ्तों में यह 18,300 अंक के पार जा सकता है। टाटा स्टील 680 रुपए पर जा पहुंचा तो स्टरलाइट 865, सैंडुर 760, विंडसर 47, विमप्लास्ट 184, शिवालिक 33, बालासोर 28, आरडीबी 118, एसएनएल 42, जमना ऑटो 89 और एनआरबी 78 रुपए तक चला गया। बढ़त का दौर ऐसे ही चला। फिर भी बहुतऔरऔर भी