जहां सारे कुएं में भांग पड़ी हो, वहां समझदारी की बात करना बेवकूफी है। हमारे शेयर बाजार का यही हाल है। ऑपरेटर, म्यूचुअल फंड और एफआईआई अंदर की खबरों पर काम करते हैं। बाजार इतना छिछला व छिछोरा है कि इनकी खरीद की खबर भी अंदर की खबर बन जाती है। खिलाड़ी लोग इन्हीं खबरों के आधार पर खेल करते हैं। कुछ हैं जो इन्हें कहीं न कहीं फुसफुसा देते हैं। ऐसे लोग गिने-चुने हैं। कुछ हैं जो जानते है कुछ और, और बताते कुछ और हैं। ऐसे लोगों की बहुतायत है। कुछ हैं जो चुपचाप अपना खेल किए चले जाते हैं। ऐसे लोग भी काफी हैं। बाजार को बढ़ना है, आम निवेशकों को भारत की विकासगाथा में भागीदार बनाना है तो इस स्थिति को तोड़ना पड़ेगा। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक? तब तक धारा के साथ बहते हुए मछलियां पकड़नी पड़ेंगी। आप कहेंगे कि भालू तो धारा में उल्टा खड़ा होकर मछली पकड़ता है तो मैं कहूंगा कि उपमा पर नहीं, बात पर जाइए, मछली पकड़िए।
ऐसी ही एक ताजा मछली है पार्श्वनाथ डेवलपर्स। इसमें निवेश पर महीने-दस दिन में ही 10 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। कारण मत पूछिए क्योंकि मैं बता नहीं सकता। किसी खेल की भनक लगी है तो बता रहा हूं। फिर भी शेयर बाजार में पक्का कुछ नहीं होता। बहता पानी, रमता जोगी। कहां टिकेगा, क्या पता। इसीलिए मेरी सलाह है कि हमेशा स्टॉप लॉस लगाकर चलें। लगे कि ज्यादा नुकसान हो सकता है तो बेचकर थोड़ा घाटा सह लिया।
यूं ही चलते-चलते बता हूं कि कैश सेगमेंट के निवेश में स्टॉप लॉस और स्टॉप प्रॉफिट नाम की दो धारणाए हैं। अगर कोई शेयर आपके खरीद मूल्य से 25 फीसदी नीचे चला जाए तो उससे फटाफट बेचकर निकल लेना चाहिए। इसे स्टॉप लॉस कहते हैं। अगर कोई शेयर खरीद मूल्य से 50 फीसदी तक बढ़ गया और अचानक गिरना शुरू करता है तो उसके वहां से 25 फीसदी गिरते ही बेचकर नमस्कार कर देना चाहिए। इसे स्टॉप प्रॉफिट कहते हैं।
बात पार्श्वनाथ डेवलपर्स की। इसका शेयर (बीएसई – 532780, एनएसई – PARSVNATH) पिछले एक महीने में 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है। 12 अगस्त को इसका पांच रुपए अंकित मूल्य का शेयर 45.55 रुपए पर बंद हुआ था। कल, 12 सितंबर को इसका बंद भाव 59.50 रुपए रहा है। इस बीच ऊपर में यह 60.85 रुपए तक गया है। इस समय एसपी तुलसियान अपनी पीठ थपथपा रहे होंगे क्योंकि 2 सितंबर को जब यह शेयर 54.10 रुपए पर था, तब उन्होंने इसके 60 रुपए तक जाने की बात कही थी। कोई तुलसियान जी से यह तो पूछे कि गुरु! इस इलहाम का स्रोत क्या था? खैर, वे अपना ट्रेड सीक्रेट किसी को नहीं बताएंगे।
हमारी जानकारी के मुताबिक यह शेयर यहां से 65-66 रुपए तक जा सकता है। इसमें ज्यादा से ज्यादा एक महीने का वक्त लग सकता है। हो सकता है कि ऐसा जल्दी भी हो जाए। अगले कुछ दिनों में हो जाए। इसके पीछे कोई फंडामेंटल का तड़का नहीं है। सीधे-सीधे बाजार की मौजूदा विकृत शक्तियां का खेल है। फंडामेंटल के आधार पर देखें तो पिछले तीन सालों में पार्श्वनाथ डेवलपर्स की बिक्री 25.50 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से घटी है, जबकि शुद्ध लाभ में इस गिरावट की दर 45.27 फीसदी है। कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी 2.72 फीसदी है। इससे ज्यादा रिटर्न तो बैंक के बचत खाते पर मिल जाता!
कंपनी की 217.59 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 68.21 फीसदी है जिसका 86.47 फीसदी (कंपनी की कुल इक्विटी का 58.98 फीसदी) उन्होंने गिरवी रखा हुआ है। जून 2011 की तिमाही में स्टैंड-एलोन आधार उसकी बिक्री 8.16 फीसदी घटकर 155.62 करोड़ रुपए पर आ गई। लेकिन अन्य आय, डेप्रिसिएशन व कंस्ट्रक्शन की कम लागत जैसे करतबों से उसका शुद्ध लाभ 93.13 फीसदी बढ़कर 20.51 करोड़ रुपए हो गया। वहीं कंसोलिडेटेड नतीजों के आधार पर कंपनी की बिक्री 23.35 फीसदी घटकर 193.77 करोड़ और शुद्ध लाभ 19.02 फीसदी घटकर 25.77 करोड़ रुपए पर आ गया है।
स्टैंड एलोन आधार पर कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 1.96 रुपए है और इसका शेयर फिलहाल 30.36 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इतना ऊंचा पी/ई तो उसका पिछले साल 29 सितंबर 2010 को भी नहीं था जब उसने 74.73 रुपए पर 52 हफ्तों का शिखर बनाया था। जाहिर है, फंडामेंटल को देखते हुए हर लिहाज से पार्श्वनाथ डेवलपर्स का शेयर बहुत ही महंगा और घटिया स्तर का है। लेकिन कंपनी को 2000 करोड़ रुपए अपने मौजूदा शेयरधारकों के बजाय क्यूआईपी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशन प्लेसमेंट) के जरिए बड़े निवेशकों से 2000 करोड़ रुपए जुटाने हैं और 24 सितंबर की एजीएम में वह इस पर शेयरधारकों की मोहर लगवाना चाहती है तो माहौल बनाए हुए है। हम भी चाहें तो इस माहौल का थोड़ा फायदा उठा सकते हैं। बाकी, शेयर बाजार के निवेश में जोखिम है, यह ध्रुवसत्य हमें एक पल के लिए भी नहीं भूलना चाहिए।
hello raj ji,
kuch geodesic pe roshni dal degeye ,isko lena chahye,jo paramater aap dekhte hain, us hisaab se to banta ,par cofusion hai,ki toot jyada kyon gaya?
rgrds,
dr randeep singh
रनदीप जी, इनकी टॉर्च का प्रकाश सिर्फ वहीँ पड़ता है जहाँ से इन्हें धन-धना-धन मिलता है. ये भी बाजार का एक हिस्सा हैं और यहाँ नोट कमाने आये हैं. मुफ्त की रिसर्च में ये अपना कीमती वक्त जाया नहीं करते. अगर इस साईट के मालिक को अपनी रिसर्च पर भरोसा होता तो ये आपको मुफ्त में तो क्या पैसे लेकर भी अपनी रिसर्च नहीं बेचते और कमाई में वारेन बफेट से भी पहला नम्बर इन्ही का होता. जो ट्रेडर या इन्वेस्टर अपनी रकम डुबो देते हैं वो यही काम करते हैं कि दूसरों को राय देकर पैसे कमाने लगते हैं. यही काम ये भी कर रहे हैं बस फर्क यही है कि इन्होने अभी इस साइट के मुफ्त होने की वजह से इमानदारी का चोला ओढ़ रखा है. आप इनके पुराने मेल्स का तुलनात्मक अद्ध्ययन कर लो खुद समझ जाओगे कि इनको भी कुछ पता नहीं है और न ही कभी अपनी बात पर टिकते हैं. इनकी भूमिका सिर्फ कॉपी-ट्रांसलेटर-पेस्टर की है.
रमता जोगी! आप अपना सही नाम जाहिर करते तो शायद आपके इस कदर जले-कटे होने का सही मनोविज्ञान मैं समझ पाता। अंधेरे में तीर चलाने की आदत नहीं है। इसलिए आपको पलटकर जवाब नहीं दे रहा हूं। बस आपसे इतनी गुजारिश है कि सब धान बाइस परेसी मत तौलिए।
क्या कीजिएगा। हम तो कबीर की राह पर चलनेवाले ऐसे ही दीवाने हैं कि ‘मुफ्त की रिसर्च में अपना कीमती वक्त जाया कर रहे हैं।’ हम दावा नहीं करते कि हम सटीक हैं। लेकिन महत्तम सूचनाओं के आधार पर अपनी बातें रखते हैं। हम अपनी राय किसी पर आरोपित नहीं करते। निवेशकों को थोड़ा अतिरिक्त इनपुट देने की कोशिश कर रहे हैं, वो भी उनकी अपनी मातृभाषा में।
हम न तो अपनी रकम डुबोनेवाले ट्रेडर रहे हैं और न ही इनवेस्टर। हम पिछले बीस सालों से हिंदी आर्थिक पत्रकारिता के अग्रणी सिपाही रहे हैं। उसी अनुभव के साथ अपने समाज की सेवा में लगे हैं। आलोचनाओं का हम स्वागत करते हैं। लेकिन अनर्गल आरोपों से हमें दुख पहुंचता है। आप अगर अपनी कोई दबी हुई खुन्नस निकालने के बजाय ठोस आलोचना करते तो इससे हमें भी लाभ मिलता और हम अपनी कमियों को दूर कर अर्थकाम को ज्यादा बेहतर बनाने की कोशिश करते।
धन्यवाद।
आइनाक्स लीजर के बारे में अर्थकाम में जो विश्लेषण छपा था लगता है उससे रमता जोगी चिढ़ गए हैं। आइनाक्स लीजर के बारे में अर्थकाम ने लिखा था कि 10-20 फीसदी फायदे का गारंटी लेता हूं। वही हुआ। इससे रमता जोगी को दिल टूट गया। चूंकि रमता जोगी भी एक साइट से जुड़े हुए हैं। अर्थकाम से मुकाबला करते हैं। रमता जोगी इससे चिढ़ने की जरुरत नहीं है। दुनिया में हर कोई योग्य नहीं हो सकता। सच्चाई को स्वीकारें ,आराम से रहे। कोई पान या चाय की दुकान खोल लीजिए। आप कहां यहां किस्मत आजमाने आए हैं।
अफरोज आपने सही लिखा है रमता जोगी ईर्ष्या में जल रहे हैं। बल्कि पार्श्वनाथ तीन फीसदी भी बढ़ा है। इन्हे तारीफ करनी चाहिए थी, लेकिन यह तो आग में जल रहे हैं। दो -तीन फीसदी मुनाफा क्या क्या कम है। दो-तीन दिन में दो फीसदी मिल रहा है, और आप क्या चाहते हैं। इसके बावजूद कि अर्थकाम ने लिखा है कि कंपनी का फंडामेंटल अच्छा नहीं है यह अलग बात है कि यह दस फीसदी तक बढ़ सकता है। साथ ही जोखिम से बचने के लिए स्टाप लास की सलाह दी गई थी। अब रमता जोगी क्या चाहते हैं समझ में नहीं आ रहा है।
mr,ramta jogi, or dr,ramandeep, aap dono ko yaha nahi hona chahiye, aap ko yaha se chalejana chahiye, himalay pe or waha jogi pa path padna chahiye, aap ne kabi shr mkt dekha he ?????????? kabi kiya he invest, ye hamesa likte he, aap apne risk pe le, or aap log dusroki kamai ke upper karte he, arthkaam ne lika tha inox, bade ga or bada bhi or aaj paraswanth bhi pure week me 10% bada or wo bhi sach he, mene dono me kamaya, or khus hu, aap log ko trade kar ne nahi ata, plz yaha unki badnami maat karo, mene yaha se bahut khuch sika he, pehle me bhi yahi bolta tha, mgr aab me research kiya or aaj 3weeks se 1000each week kama raha hu, without invest in mkt. agar tumko ata he to karo. monday ko concar jarur move kare ga 100% gurantee, or vivimed bhi jump kare ga, coming week, ramta jogi ko ARAM KARNE DO, UNKO KUCHH NAHI ATA, ANGUTHA CHAP log yaha aa gaye he, yaha do person.