कल और आज में कुछ खास नहीं बदला है। बाजार के ऊपर रहने की कोई वजह नहीं थी। लेकिन हुआ यह कि डे ट्रेडरों ने अमेरिकी बाजार की हालत पस्त देखकर एकदम निचले स्तर पर शॉर्ट सेलिंग कर ली और फिर कवरिंग के चक्कर में उल्टी धारा में फंस गए। निफ्टी को करेक्शन के साथ 5140 तक जाना चाहिए ताकि बाजार ज्यादा सार्थक और स्वस्थ स्तरों पर आ सके। हमें कोई भी नई खरीद करने से पहले सारी बुरी खबरों का हिसाब-किताब लगा लेना चाहिए।
ब्याज दरें बढ़ने की तलवार सिर पर लटकी है और 27 जुलाई को मौद्रिक नीति की पहली तिमाही की समीक्षा तक लटकी ही रहेगी। हालांकि बहुत से एफआईआई मिड कैप स्टॉक्स में खरीदारी/लिवाली कर रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी है जो भारी पैमाने पर बिकवाली भी कर रहे हैं।
निवेश का नजरिया चुनिंदा स्टॉक पकड़ने का होना चाहिए। आईएफसीआई ने शानदार बढ़त दिखाई और स्टार परफॉर्मर रहा। एनएसई में यह 7.12 फीसदी और बीएसई में 6.75 फीसदी बढ़कर बंद हुआ है। इस तरह हमारा एक इडियट तो आज चल गया। आगे देखेंगे कि बाकी दो इडियट क्या करते हैं। वैसे, इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे हाल-फिलहाल तेजी दिखा रहे हैं या नहीं। हालांकि शुक्र इस बात का है कि वे अब भी बाजार को मात दे रहे हैं।
सरकार ने न्यूज चैनलों में विदेशी पूंजी निवेश बढ़ाने की इजाजत दे दी। यह उन सभी स्टॉक्स के लिए अच्छी खबर है जिनके पास अपने चैनल है। इनमें से कुछ चुनिंदा नाम हैं – विजन कॉरपोरेशन, आईओएल नेट और सब…
निराशावादी वह शख्स है जो वन-वे सड़क को भी दोनों तरफ देखते हुए पार करता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है । लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)