जहां देखो, वहीं सलाह देनेवालों का रेला लगा है। एसएमएस व बेवसाइटों से लेकर टीवी चैनल और ब्रोकर तक मुफ्त में सलाह बांट रहे हैं। निवेशक एक है तो सलाह देनेवाले हज़ार हैं। जब हर तरफ शेयर के भावों पर नीचे की तरफ जाते तीर का लाल निशान लगा हो तो पांचवी क्लास का बच्चा भी आपको सलाह दे सकता है। ब्रोकरों की बात मैं समझ सकता हू क्योंकि अगर आप होल्ड करेंगे या बिना मार्क टू मार्केट व पर्याप्त मार्जिन के ज्यादा खरीदेंगे तो उनके कपड़े उतर सकते हैं। लेकिन दूसरों के लिए मुझे लगता है कि न्यूनतम योग्यता की आखिर कुछ तो शर्त होनी चाहिए। जो लोग बिजनेस चैनलों और दूसरे मीडिया पर फ्री टिप्स दे रहे हैं, उनकी कुछ तो न्यूनतम औकात या नेटवर्थ होनी चाहिए। नहीं तो आम गुजराती परिवार की गृहिणी भी टिप दे सकती है कि गिरने पर खरीदो और बढ़ने पर बेच दो। इसमें नुकसान का सवाल ही कहां उठता है? लेकिन नुकसान तो हो रहा है। इसलिए काबिलियत पर सवाल भी उठना लाजिमी है।
एक्सिस बैंक ने लंबी अवधि की सोचकर एनम सिक्यूरिटीज को 2100 करोड़ रुपए में खरीद लिया, लेकिन कौन जानता है कि यह लंबी अवधि कितनी और क्या है? इधर बाजार इतना निर्मम हो गया है कि निवेशक एक रात के लिए भी शेयर अपने पास नहीं रखना चाहते और घर जाने से पहले दिन भर का हिसाब-किताब निपटा लेते हैं। एक्सिस के लिए मुझे लगता है कि इस निवेश का दाम निकाल लेना बहुत कठिन है और हो सकता है कि तब तक तेजी का बाजार मंदी के बाजार में बदल जाए। मूल्यांकन को जाहिरा तौर पर ज्यादा ही तान लिया गया है। हमने इसमें बिक्री की कॉल पेश की और जो तत्काल कामयाब हो गई।
हीरो होंडा ने उस बात की पुष्टि कर दी जो हमने अपनी रिपोर्ट में कही थी। टैक्स संबंधी अड़चनों के चलते डील में देरी हुई है। यह सचाई कोई दूसरा रिसर्च हाउस नहीं बता सकता। मुंजाल ने साफ-साफ कहा है कि वे कंपनी में होंडा की हिस्सेदारी एसपीवी के मार्फत खरीदेंगे, लेकिन एसपीवी की हिस्सेदारी किसी प्राइवेट इक्विटी को नहीं बेचेंगे क्योंकि तब उन्हें टैक्स देना होगा। ऐसा कैसे? ऐसा तब होगा कि मान लीजिए उन्होंने होंडा का हिस्सा 120 करोड़ डॉलर में खरीदा और इसका एक भाग 90 करोड़ डॉलर में बेच दिया तो उन्हें 35 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा क्योंकि आयकर विभाग वाले नुक्ता लगाएंगे कि यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स नहीं है। लेकिन अगर वे 180 करोड़ डॉलर में खरीदते हैं और उसका 50 फीसदी भाग 90 करोड़ डॉलर में बेचते हैं तो टैक्स देने का सवाल नहीं उठेगा क्योंकि जितने में खरीदा, उतने में बेचा। इसका मतलब कि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि डील में कुछ स्प्रेड था। इसलिए वे अपनी होल्डिंग से ही एक हिस्सा प्राइवेट इक्विटी को बेचेंगे और लांग टर्म कैपिटल गेन्स होने के कारण उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा।
लेकिन अब हीरो होंडा की डील में एक और मोड़ आ गया है जिसे कोई भी अभी तक नहीं पकड़ पाया है। हमने पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि होंडा खुद की 100 फीसदी हिस्सेदारी में यकीन रखती है और वह मुंजाल की हिस्सेदारी नहीं खरीदेगी। असल में, होंडा ने 30,000 रुपए की बाइक लांच करने की घोषणा कर दी है जो निश्चित रूप से मुंजाल को निपटा देगी। लेकिन होंडा अब मुंजाल की हिस्सेदारी के लिए 400 करोड़ डॉलर की बोली लगाने पर फिर से विचार कर रही है। यह कीमत मुंजाल द्वारा दी जा रही कीमत से दोगुनी है। यह पेशकश हीरो होंडा की रेटिंग नए सिरे से करने का आधार बन सकती है। हो सकता कि मुंजाल इसे स्वीकार भी कर लें, उसी तरह जैसे रैनबैक्सी के प्रवर्तक भारी प्रीमियम का लालच नहीं छोड़ पाए थे।
निफ्टी में नवंबर का वोल्यूम 3.82 करोड़ शेयरों का है, जबकि दिसंबर में केवल 35 लाख शेयरों का। इसका मतलब हुआ कि भारी उतार-चढ़ाव कल भी जारी रहेगा क्योंकि रोलओवर अभी तक हुए नहीं हैं। लेकिन रुख बढ़ने का रहेगा। निफ्टी दिसंबर में 6500 पर भारी वोल्यूम हुआ है। हमें बहुत ज्यादा व्याख्या करने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमारी मूल धारणा तेजी की है। और, प्रधानमंत्री को कुछ नहीं होने जा रहा। सेंचुरी हमारी टॉप पिक है। कल देखिएगा, यह सारी विघ्न-बाधाओं को तोड़ डालेगा।
जैसे ही हम अपना दिमाग चलाना बंद कर देते हैं और हुक्मरानों की कही बातों पर यकीन करने लगते हैं, हमारे दुखों का अबाध सिलसिला शुरू हो जाता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)