रोलओवर के आसपास का भूत

बाजार का बर्ताव वैसा ही रहा जैसा कि रोलओवर के करीब आने के दौरान होना चाहिए था। मालूम हो कि डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए शुक्रवार, 1 अक्टूबर से शुरू हुआ सेटलमेंट गुरुवार, 28 अक्टूबर को खत्म हो जाएगा। इन 28 दिनों में कारोबारी दिन केवल 20 ही हैं। दिक्कत यह है कि हमें सेटलमेंट के करीब आने और रोलओवर होने का ख्याल ही नहीं रहता, जबकि इसके आसपास का समय भारी उतार-चढ़ाव और अफवाहों से भरा होता है।

यूरोप व अमेरिका की अर्थव्यवस्था और बाजार की हालत हमारे लिए अब कोई खतरा नहीं रही। प्रोमिसरी या पी-नोट अब कोई मुद्दा नहीं रहा। एफआईआई की तरफ से की गई बिकवाली का हौवा नहीं खड़ा किया जा सकता। तो, ऐसा कौन-सा भूत खड़ा किया जाए जिससे आप डर जाएं?

इसके लिए बाजार का वो ताकतवर अफवाह तंत्र एक बार फिर सक्रिय हो गया जो अभी तक किसी की पकड़ में नहीं आया है और गणेश की मूर्तियों के दूध पीने जैसी बेसिर-पैर की अफवाहें फैलाता रहा है। उसने फिर किया बाजार पर वार। निफ्टी दिन के उच्चतम स्तर 6144 को फलांग चुका था और रॉकेट की तरह 6165 तक बढ़ता गया तभी उस पर हमला किया गया। 6095 तक 10 से 17 लाख बड़े सौदे किए गए जिनमें कुल वोल्यूम की मात्रा 60 लाख शेयरों से ज्यादा रही। दूसरे चक्र में फिर 4 से 7 लाख सौदे हुए जिनका वोल्यूम 40 लाख शेयरों का रहा। अफवाह फैलाई गई कि घरेलू निवेश संस्थाओं (डीआईआई) ने 800 करोड़ रुपए के स्टॉक बेच दिए हैं क्योंकि विश्व बैंक ने आस्तियों में दामों का बुलबुला फूटने की आशंका के साथ समूचे एशिया को डाउनग्रेड कर दिया है।

एक तरफ वित्त मंत्री दावा करते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था (जीडीपी) की विकास दर 10 फीसदी को पार कर जाएगी और अमेरिका तक भारत की तरफ मदद की निगाह से देख रहा है, दूसरी तरफ यह भूत खड़ा किया जा रहा है। आप इस मसले को कितना समझ सकते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। हमारी तो अपनी राय है कि इस सेटलमेंट में बाजार (निफ्टी) 6200 अंक के ऊपर बंद होगा लेकिन तमाम बेटिकट यात्रियों को किनारे लगा देने के बाद।

रोलओवर होने में ठीक सात कामकाजी दिन ही बचे हैं और इस दौरान अभी से शुरू हो चुका उतार-चढ़ाव बना रहेगा। अगर आप खरीदने और बेचने का सही वक्त नहीं पकड़ पाए तो दिन के दिन में घाटा उठा सकते हैं। हमने अ रही बिकवाली को भांप लिया और निफ्टी, एस्सार व जिंदल से बीच में ही निकल गए क्योंकि हम मानते हैं कि खरीदने का मौका उन्हें ही मिलता है जो सही वक्त पर मुनाफावसूली कर लेते हैं और अपने पास खरीदने की क्षमता बचाकर रखते हैं। बाकी लोगों को तो (डेरिवेटिव सौदों में) अपने मार्क टू मार्केट का इंतजाम करना पड़ता है और औपचारिकताएं पूरा करने का काम ब्रोकरों पर छोड़ देना होता है। असल में गिरावट के दौरान आपको अपने उन शेयरों को भी निकालना पड़ जाता है जिन्हें आपने डिलीवरी के लिए रख छोड़ा होता है।

काश! ऐसा नहीं, ऐसा हुआ होता तो कितना मजा आता। ऐसा सोचते रहने से बेहतर है कि जीवन में जो मिला है उसी को कायदे से जी लिया जाए।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

2 Comments

  1. Anil ji please aap ek taraf ki baatein kare… aap to dono taraf ki baate kyun karte hai. ek tarf aap keh rahe hai ki nifty 6200 ke upar band hoga dusri tarf aap kehte hai ki hum nifty se nikal gaye hai. aap ek rai rakhe ya to up ya down. waise mein ye aap ka website roz dekhta hu.. kayi khabrein aap ki bahut bahterin hoti hai.. bt 50% mein aap ki do rai hoti hai. so plz apni baat pe adig rah kar likhe… i like ur confidence and appreciate u if u will write only one view
    Thanks

  2. More Recently YOUR prediction of Bonus was not having any rational and was wrong .
    you had predicted Bonus in Maruti, Shipping Corp, Infosys …….all were without any base and were completely wrong.

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