बाजार का बहुत तेजी से बढ़ना अच्छा नहीं है तो पंटर भाईलोग शॉर्ट सेलिंग करने लगे। पहले कहा जा रहा था कि बहुत धीमा होना बाजार के लिए बहुत बुरा है और इसलिए शॉर्ट सेलिंग हो रही है। अरे भाई मेरे! आप लोग बाजार को कब समझेंगे?
निफ्टी 5800 पर है और सारे के सारे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) सेंसेक्स में शामिल स्टॉक खरीदने में जुटे हैं क्योंकि ऐसा करना उनकी मजबूरी है। मैं तो कहूंगा कि इस समय बैंकिंग शेयरों को बेचकर पूरी तरह निकल लीजिए और ऑटो व रीयल्टी स्टॉक्स खरीद लीजिए। बैंकिंग सेक्टर से निकलने का तर्क यह है कि इसमें अधिकांश शॉर्ट सौदे काटे जा चुके हैं। दूसरे, एफआईआई ब्रोकिंग हाउस अपनी रिपोर्टों में बता रहे हैं कि अभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 35 से 45 फीसदी बढ़त होनी बाकी है। साफ है कि वे इन्हें बेचने की भूमिका बना रहे हैं। इसलिए अगर आप उनसे पहले बेचकर निकल गए तो वे बेचेंगे किसे? एफआईआई की काफी खरीद हुई पड़ी है और उन्हें मुनाफावसूली करनी ही पड़ेगी जो किसी भी बुरी खबर पर शुरू हो सकती है।
त्योहारी सीजन, सबके विकास का सरकारी एजेंडा और पूंजी बाजार से हुई अतिरिक्त आय रीयल्टी क्षेत्र में मांग के बढ़ने को अच्छा आधार दे सकती है। जिस तरह ज्यादातर कंपनियां अपनी जमीन बेचने में कामयाब हो रही हैं, उससे मांग बढ़ने का स्पष्ट संकेत मिलता है। मांग के बिना तो रीयल एस्टेट कंपनियां इनवेंटरी नहीं बनाएंगी। दूसरे, बेचने के दाम 2007 और 2008 के शिखर को पार कर चुके हैं और इसलिए कंपनियों का मूल्यांकन फिलहाल नीचे नहीं रह सकता। 2008 में विले पारले के अंदर अधिकतम रेट 14,000 रुपए प्रति वर्गफुट था जो अब 22,000 रुपए हो गया है। यह हर इलाके की हकीकत है। लेकिन रीयल एस्टेट कंपनियों के शेयरों के दाम अब भी एक तिहाई पर पड़े हैं जिसे सही नहीं माना जा सकता। ये जल्दी ही सही आधार पकड़ लेंगे।
हमने एचसीसी में 65 रुपए पर जमकर खरीद की सलाह दी थी और स्टॉक 55 रुपए पर चला गया तब भी हम खरीदने की सलाह देते रहे। देखिए, यह स्टॉक फिर से 65 रुपए पर आ गया है और लवासा के इश्यू की खबर सामने आ चुकी है। खबरों के मुताबिक आरजे (राकेश झुनझुनवाला) ने कुछ अन्य निवेशकों के साथ मिलकर लवासा में 35 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी खरीद ली है। प्रॉस्पेक्टस देखने के बाद यह बात साफ हो जाएगी। अगर आरजे ने वाकई इतना निवेश कर रखा है तो 20,000 करोड़ रुपए का मूल्यांकन बेमतलब हो जाता है और हम इसका मूल्यांकन 47,000 करोड़ रुपए देख सकते हैं। इसका 65 फीसदी हिस्सा एचसीसी को जाएगा, जबकि उसका मौजूदा बाजार पूंजीकरण केवल 3600 करोड़ रुपए चल रहा है।
सेंचुरी के साथ वाडिया का सेटलमेंट बॉम्बे डाईंग और सेंचुरी दोनों के स्टॉक के लिए टॉनिक का काम करेगा। खबर सामने आने के बाद हम सेंचुरी में 100 रुपए से कम बढ़त की उम्मीद नहीं कर सकते। कैश सेगमेंट में ब्रशमैन ने नई पारी शुरू कर दी है। बीएनपी इससे निकल चुका है और अब बाजार में उसके आने के आसार न के बराबर हैं। यह ब्रश बनानेवाली इकलौती लिस्टेड कंपनी है। एशियन पेंट्स इसे खरीद सकती है जिससे ब्रशमैन का शेयर 100 फीसदी तक बढ़ सकता है। ऋण को हटा दें तो कंपनी का प्रति शेयर उद्यम मूल्य (ईवी) 50-60 रुपए है। तो, बेस्ट ऑफ लक।
जो अतीत से सबक नहीं लेते, वे उसे दोहराने को अभिशप्त हैं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)
SIR MAIN YE JANANA CHAHATA HOON KI JINDAL SOUTH WEST HOLDINGS KO KITANE MAHINE KE LIYE INVESTED RAHA JAYE, PLS REPLY SOON.
Dear चक्री,
आप आज (14th Sep) PSU बैंक सेल करने को लिख रहे है, लेकिन आपने 9th Sep को SBI बाय करने को लिखा है. तो हम क्या समजे SBI को Buy करे या Sell.