मंदी शमाबेन गैंग के दिमाग की

सही स्टॉक, सही वक्त और सही ट्रिगर – ये तीन सही चीजें किसी भी शेयर की चाल के लिए बाजार के तीन तिलंगों से भी बेहतर संयोग का काम करती हैं। आईटीआई आज 10.7 फीसदी बढ़कर 46 रुपए पर पहुंच गया और बंद हुआ 5.42 फीसदी की बढ़त के साथ 43.80 रुपए पर। इस्पात इंडस्ट्रीज में तकरीबन छह महीनों से हम पूरे धैर्य के साथ इंतजार कर रहे थे और अब अंततः इस स्टॉक से सहवाग जैसी पारी खेल दी है। यह फ्यूचर्स और कैश सेगमेंट में 13 करोड़ शेयरों से ज्यादा के कारोबार के साथ 8 फीसदी बढ़ गया। कंपनी परसों, 25 अगस्त को पहली तिमाही के नतीजे घोषित करेगी और किसी भी नकारात्मक खबर का कोई अंदेशा नहीं है। हालांकि कंपनी प्रबंधन को बहुत उम्दा नहीं माना जाता, लेकिन हर कंपनी व उसका प्रबंधन बाजार से धन जुटाना चाहता है और कोई कब तक अपनी बैलेंस शीट साफ करते रह सकता है?

अधिकांश ट्रेडर निफ्टी में शॉर्ट हो चले हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह 5555 के पार जाने के लिए संघर्ष कर रहा है। तो, प्यारे! एक बात नोट कर लें कि आप कितने भी बड़े हों, निफ्टी के लिए आप छोटे ही रहेंगे। इसलिए कृपया उससे खेलने से बाज आएं। 2800 अंक के स्तर से ही आप हू-हा कर रहे हो, लेकिन निफ्टी आपको घास नहीं डाल रहा। यूं लगता है कि कोई उजड्ड सांड आपको अपनी सीगों पर उठाकर नचा रहा हो।

एचसीसी बिना किसी वजह के 74 रुपए से गिरकर 63 रुपए पर आ गया और सारे स्टॉप लॉस लग गए। लेकिन यह फिर लहर पैदा करने को तैयार है। इसकी सब्सिडियरी लवासा कॉरपोरेशन की आंच अभी धीमी नहीं पड़ी है और जो लोग भी लवासा की कहानी के पीछे हैं, वे बहुत ताकतवर है और उनमें इस स्टॉक को आराम से 100 रुपए तक ले जाने की होल्डिंग क्षमता है। एचसीसी इस समय बोनस की घोषणा के पहले वाले भाव पर उपलब्ध है। जाहिर है, अच्छे कामों का असर शेयर के भाव पर होना अभी बाकी है। यह यथाशीघ्र 70 रुपए के पार जा सकता है। हो सकता है कि कल सुबह ही ऐसा हो जाए। एचसीसी हमारी सिफारिश में सबसे ऊपर है क्योंकि हम रीयल्टी सेक्टर को लेकर जबरदस्त तेजी की धारणा रखते हैं।

मंदड़ियों के हमलों की परवाह करने की जरूरत नहीं है। हिन्डेनबर्ग अपशगुन के टेक्निकल आधार पर की मंदी की बात करना बकवास है। वैसे, जब हम शमाबेन (फर्स्ट ग्लोबल के शंकर शर्मा और देविना मेहरा) और उनके गैंग के मंदड़िया हमलों की परवाह नहीं करते तो हिन्डेनबर्ग अपशगुन को भाव देने का सवाल ही कहां उठता है? यहां तक कि वॉल स्ट्रीट के स्तंभकार ब्रेट एरेन्ड्स ने भी बाजार के क्रैश होने की चेतावनी जारी की थी। लेकिन कितने लोग हैं जो जानते हैं कि बाजार में वास्तविक लिक्विडिटी कितनी है? शेयरधारिता का फैलाव कम क्यों है? क्या बहुत ज्यादा ओवरसोल्ड की स्थिति बाजार में गिरावट का खतरा पैदा करती है? इन सवालों के तह में पहुंचने की जरूरत है।

रोलओवर का दौर पूरी रफ्तार से शुरू हो चुका है और इस बार बाजार 5500 के नीचे जाने के मूड में नहीं है क्योंकि ऑप्शन सौदों में पुट-कॉल अनुपात तेजड़ियों के पक्ष में है। मुझे कोई अचंभा नहीं होगा जो रोलओवर के आखिरी दिन बाजार 5600 पर या उसके भी पार न चला जाए क्योंकि 5600 की ज्यादातर कॉल पोजिशन दो हफ्ते पुरानी थीं और उन पर प्रीमियम न के बराबर हो चुका है। सारा कुछ ताजा पुट पोजिशन पर निर्भर करता है जो 5500 की सीरीज में बनाई जा रही हैं। कैश सेगमेंट में हमारे सुझाए गए शेयरों में रामा फॉस्फेट, वीडियोकॉन, दुजोदवाला प्रोडक्ट्स, कैम्फर, एलएमएल, विम प्लास्ट और मुकंद ने बाजार में अच्छी बढ़त हासिल की है।

नायक भी हमारे-आप जैसे आम इंसान होते हैं, लेकिन ऐसे आम इंसान जो भयंकर बाधाओं के बीच भी जूझने की ताकत जुटा लेते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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