सोचिए, रुख पलटा तो क्या होगा?

बाजार के रुख और रवैये का बदलना अब इतना आसान नहीं रह गया है क्योंकि ट्रेडरों का बहुमत मानता है कि हम निफ्टी में 5500 व 4700 की तरफ जा रहे हैं। वे मानते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ेगा और इससे बाजार की स्थितियां जटिल हो जाएंगी।

ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी। हालांकि उनके तर्क में दम नहीं नजर आता, लेकिन उनकी हरकतें पूरी तरह उनकी सोच के अनुरूप हैं। 100 में से 99 लोग उनके साथ हैं क्योंकि वे टेक्निकल व चार्ज के हिसाब से ट्रेड करते हैं जो पक्की कमजोरी दिखा रहे हैं। उनकी यह भी मान्यता है कि चार्ट कभी झूठ नहीं बोलते। मैं पूरी तरह उनसे सहमत हूं। लेकिन चार्ट भी इंसान ही बनाता है और इंसान से गलतियां होती हैं। इस सच को उन्होंने नजरअंदाज कर रखा है।

खैर, मैं हर डुबकी पर स्टॉप लॉस लगाकर खरीदने की अपनी नीति पर कायम रहूंगा। आज निफ्टी और जिंदल सॉ में हमारा स्टॉप लॉस ट्रिगर हो गया है, लेकिन कल यह एकदम लक्ष्य पर था। फिर भी जेएसडल्ब्यू स्टील पर हमारी कॉल को समर्थन मिला है। हम सीमित स्तर पर कॉल देने की कोशिश कर रहे हैं ताकि आप बाजार में टिके रह सकें। हालांकि हमें पता है कि आप कभी-कभी चुटकियों में लाखों कमाने के लिए व्यग्र हो जाते हैं।

आप बाजार के रुख के साथ चल सकते हैं और फटाफट नोट बना सकते हैं। इस पर मुझे कोई एतराज नहीं है। मैं इस बाजार को पिछले दो दशकों से देख रहा हूं और तेजी व मंदी के तमाम दौरों से मेरा साबका पड़ चुका हूं। बाजार अगर तेजड़ियों को सजा देता है तो मंदड़ियों को भी नहीं बख्शता। बाजार की पलटी आपसे उससे कहीं ज्यादा छीन ले लेती है जितना आपने कमाया होता है। इस समय बाजार आपसे वो छीन रहा है जो तेजी के दौर में आपने कमाया था और, आप हवा के रुख के साथ बहते हुए शॉर्ट सौदों के लिए लालायित हैं। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

एक बात मैं अच्छी तरह जानता हूं कि तेजी के बाजार का कोई विकल्प नहीं है हालांकि इसके बीच अस्थाई तौर पर करेक्शन या गिरावट का दौर चल सकता है। ए ग्रुप की 224 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 60 लाख करोड़ रुपए है और गिरते बाजार ने सबसे ज्यादा चोट इसी 60 लाख करोड़ रुपए के मूल्यांकन पर लगाई है जहां अधिकतम दांव लगा हुआ है। एफ एंड ओ सौदों में मात्र 5500 रुपए (36,000 करोड़ रुपए के ओपन इंटरेस्ट पर मार्जिन) लगे हैं और इस डेरिवेटिव सेगमेंट में फिजिकल सेटलमेंट न होने के चलते मंदड़िये किसी दिन जितना चाहें, उतना फायदा उठा सकते हैं।

रोलओवर शुरू होने में पांच दिन बचे हैं और हमेशा की तरह इस वक्त भी अफवाहों का बाजार गरम है। निफ्टी के 5700 का स्तर निर्णायक रूप से तोड़ देने के बाद मंदड़ियो के मनमाफिक 5500 तक जाने के हालात बन गए हैं। लेकिन बाजार जब भी वापसी करेगा तो बढ़त काफी तेज होगी और अंतर भरने का ट्रिगर एकबारगी चालू हो जाएगा। इसलिए आखिरी 100-200 अंकों की गिरावट के दौर में मैं बिकवालों के पक्ष में नहीं जाना चाहता। मैं हर गिरावट पर खरीदने और लुभाने के बावजूद शॉर्ट सेलिंग से दूर रहने की अपनी नीति पर टिका रहूंगा।

साहस हमेशा गरज कर नहीं बोलता। वह कभी-कभी आखिर में बड़ी धीमी आवाज में कहता है, “मैं कल फिर कोशिश करूंगा।”

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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