कहने दो उन्हें जो कहते हैं…

एक बार फिर यह बात साबित हो गई कि ज्यादातर ट्रेडर और निवेशक अपना दिमाग ही इस्तेमाल नहीं करते। वे बिजनेस चैनलों पर आनेवाले मुट्ठी भर एनालिस्टों की बातों पर यकीन करके गुमराह हो जाते हैं। असल में ये लोग ट्रेडरों और निवेशकों का एकदम ब्रेन-वॉश कर देते हैं। जब कंप्यूटर पर पंचिंग की एक गलती से रिलायंस को झटका लगा और बाजार (सेंसेक्स) 400 अंक गिर गया तो अधिकांश एनालिस्ट कहने लगे कि अब तो बाजार 12,000 पर जाकर थमेगा। सब एकदम बकवास निकला।

बात यह है कि जब डाउ एस एंड पी ने आय में 34 फीसदी बढ़त का नया आकलन किया है तो डाउ जोंस सूचकांक भी 34 फीसदी बढ़ेगा यानी 15,000 से 16,000 तक जाएगा। यह यूरोप की तरलता का नतीजा है। यह बात पूरी तरह भारत पर भी लागू होती है। फिर भी आप अपना दिमाग नहीं लगा पाते। आप जो मान लेते हैं, वह उन लोगों से कैसे बेहतर हो सकता है जो यूरोप व अन्य देशों को सचमुच चलाते हैं। फिलहाल तो आपको अपने सत्ता केंद्र नॉर्थ ब्लॉक की तरफ देखना चाहिए।

मैं तो वही समझता हूं जो मुझे स्पष्ट रूप से दिखता है। मैं अपने वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री और अपनी कंपनियों की आय के स्तर पर यकीन करता हूं। मैं यूरोप जैसी छोटी-मोटी घटनाओं से अपनी राय नहीं बदलना चाहता। यह बात नोट करें कि जब लेहमान ब्रदर्स दिवालिया हुई थी, तब इन्हीं एनालिस्टों के प्रताप से हम अमेरिका की क्रेडिट कार्ड समस्या पर मगजमारी करते रहे और घबराते रहे कि 3 लाख करोड़ डॉलर की यह समस्या कैसे सुलझ पाएगी। लेकिन हुआ क्या? डाउ जोंस सूचकांक 6000 से बढ़ते-बढ़ते 11,000 अंक तक पहुंच गया।

अब समय की मांग है कि आप खुद ही रिसर्चर बन जाएं और तमाम ताकतवर बिजनेस चैनलों पर फेंके जा रहे मूर्खतापूर्ण विचारों और सलाहों से निजात पा लें। यूरोप का मसला यूरोप पर छोड़कर अपना दिमाग लगाइए और देखिए कि भारत किधर जा रहा है। तब आपको शायद यकीन आ जाए कि निफ्टी अगले तीन महीनों में 5700 का स्तर हासिल कर लेगा। अगर फिर भी यकीन न आए तो इन लाइनों को कट-पेस्ट करके रख लीजिए और अगस्त अंत तक इस पर नजर डाल लीजिएगा। तब हम आपके साथ इसकी समीक्षा करेंगे।

कोई भी चीज ठीक वैसी नहीं होती, जैसी दिखती है और वैसी भी नहीं होती, जैसी वह नहीं दिखती। यह पहेली नहीं, हकीकत है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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