अभी तो बाजार से दूर रहना भला

टेक्निकल चार्ट के ग्राफ नीचे-नीचे डूब गए तो निवेशकों का भरोसा भी डूब रहा है। पूरे बाजार में डर छा गया है। खरीदार कोई भी नया सौदा करने से डर रहे हैं। निवेशक नफा-नुकसान जो भी, उसी पर बेचकर निकल लेना चाहते हैं। उन्हें बिजनेस चैनलों पर जिस तरह हर तरफ हताशा-निराशा दिखाई जा रही है, उसके अलावा कुछ नहीं दिख रहा। यूरोप के बाजार हर दिन खुलने पर धराशाई हो रहे हैं। अमेरिकी बाजार इन्हीं के नक्शे कदम पर हैं। कोरिया ने भी आग में घी डालने का काम किया है।

इन सब बातों के बीच बाजार में ऐसी दहशत और घबराहट फैल गई है कि कोई कुछ सोच ही नहीं पा रहा। लोगबाग उन मंदड़ियों की बातों में यकीन करने लगे हैं जिन्होंने बीएसई सेंसेक्स के 12,000 तक गिर जाने की भविष्यवाणी की थी। इस चक्कर में वे जितना जल्दी हो, फटाफट बेचकर निकल लेना चाहते हैं। हालांकि यह एक विभ्रम है जो हमेशा की तरह थोड़े समय अपना असर दिखाकर गायब हो जाएगा।

इसमें कोई शक नहीं कि सेटलमेंट के पहले बाजार ताश के पत्तों की तरह ढेर हो रहा है। मेरी तो यही राय है कि जब तक बाजार में स्पष्टता और स्थिरता वापस नहीं आती, तब तक निवेशकों और ट्रेडरों को इससे दूर ही रहना चाहिए। हालांकि जिन्हें ट्रेडिंग करने में मजा आता है, वे तो हर हाल में ट्रेडिंग करेंगे। इसलिए उनके लिए इस दौर में शॉर्ट सेलिंग ही सबसे अच्छा तरीका है। ज्यादातर टेक्निकल एनालिस्ट भी यही सलाह दे रहे हैं।

इन सारे हालात के बावजूद मैं खरीद का तरफदार हूं और जैसे ही बाजार में स्पष्टता लौटेगी, मैं धुआंधार खरीद को अंजाम देने के पक्ष में हूं। साथ ही मेरी यह भी सलाह है कि जिन्होंने पहले से खरीद कर रखी है वे उसे होल्ड करें। घबराहट में आकर बेचें नहीं। मुद्रास्फीति के 5 फीसदी और आर्थिक विकास के 10 फीसदी होने का दावा वह शख्स कर रहा है जो इस देश का प्रधानमंत्री है। मेरे बयान की अहमियत आपके लिए भले ही न हो, लेकिन इस अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की बात को आप हल्के में नहीं ले सकते।

अगर कोई शख्स एक भी घंटे का समय बरबाद कर देता है तो इसका मतलब यही हुआ कि उसने अभी तक जिंदगी की कीमत नहीं समझी है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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