बाजार (निफ्टी) जब 6300 अंक पर पहुंच गया हो, तब स्टॉक्स को चुनकर खरीदने के लिए ज्यादा हौसले और भरोसे की दरकार होती है। टेक्निकल एनालिस्टों के चार्ट आपको आसानी से दिखा सकते हैं कि इधर या उधर, नीचे या ऊपर स्टॉप लॉस लगाकर कैसे नोट बनाए जा सकते हैं। ऐसे में फैसला आपको ही करना है कि आप चार्टों के आधार पर ट्रेड करना चाहते हैं कि कंपनी के मूलभूत आर्थिक पहलुओं यानी फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश करना चाहते हैं।
फिलहाल तो हमने अपना ध्यान एचडीआईएल और सेंचुरी टेक्सटाइल्स पर लगा रखा है और हम इन दोनों स्टॉक्स के प्रति समर्पित रहेंगे। बी ग्रुप में हमारा जुड़ाव क्विंटेग्रा सोल्यूशंस, संजीवनी पैरेंटल, बालासोर एलॉयज, स्पिक (सदर्न पेट्रोकेमिकल्स इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन) और कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स वगैरह के साथ है।
हकीकत यही है कि बाजार में जितनी ज्यादा भ्रम की स्थिति रहती है, उतनी ही ज्यादा आपको विशेषज्ञों की जरूरत होती है। लेकिन ऐसे निष्पक्ष विशेषज्ञ लाये कहां से जाएं? वॉरेन बफेट तक की कथनी और करनी में अंतर होता है। राकेश झुनझुनवाला कहते हैं कि छोटे निवेशकों को सीधे स्टॉक्स में निवेश ही नहीं करना चाहिए। लेकिन आप तो ऐसा ही करते हैं, पूछने पर पलटकर पूछ बैठते हैं कि डैडी शराब पीते हैं तो क्या बच्चा भी शराब पिएगा? कमाल है, निवेश न हुआ बिच्छू का मंत्र हुआ, जिसे छिपाकर रखना जरूरी है।
दूसरी तरफ यही लोग अपने खासमखास या सेलेब्रिटीज के कान में निवेश का मंत्र फूंकते हैं क्योंकि उनके आगे या तो ये लोग हीनता ग्रंथि से पीड़ित हो जाते हैं या रिश्तेदारी निभाने लगते हैं। ऐसे में हर हाल में आपको खुद वह ज्ञान हासिल करना है जिसके दम पर आप निवेश की रणनीति बना सकें। ऐसा नीर-क्षीर विवेक हासिल कर सकें कि चैनलों और ब्रोकरों की टिप के सार-सार को गहकर थोथा उड़ा सकें। हम जैसे दूसरे लोग सिर्फ मदद कर सकते हैं। अपनी बचत को शेयर बाजार में निवेश करने का विज्ञान या कला आपको ही मेहनत व लगन से सीखनी होगी।
अभी बाजार में जिस तरह की स्थिति हैं, उसमें स्पष्टता का अभाव, भ्रम, उतार-चढ़ाव और चार्ट निश्चित रूप से कोल इंडिया की तरह आपको धो डालेंगे। उम्मीद के अनुरूप कोल इंडिया 350 रुपए पर जाकर ठहर गया है। यकीनन, लंबे समय के निवेशकों को इसमें बने रहना चाहिए। लेकिन मुझे लगता कि अगले कुछ सालों तक इसमें दोबारा यह मूल्य नहीं हासिल हो पाएगा। इसलिए जो लोग छोटी अवधि में कमाई करना चाहते हैं, वे इससे निकल सकते हैं। वे चाहें तो कोल इंडिया को बेचकर मिली रकम से सेंचुरी टेक्सटाइल्स जैसे शेयर खरीद सकते हैं, जो यकीनन तीन गुना होनेवाला है।
मेरा मानना है कि सेंचुरी ने 492 रुपए से 500 रुपए तक का अपना घर छोड़ दिया है और अब उसने 540 रुपए पर अपना नया घर बना लिया है। इसके बाद यह 600 रुपए और फिर चार अंकों में चला जाएगा। एचडीआईएल अभी शुरुआती चरण में है। इसके 311 रुपए के पार जाने का इंतजार कीजिए। तब मैं एचडीआईएल पर अपना काम शुरू करूंगा।
जब तक हम किसी चीज को खुद खोज नहीं लेते, तब तक कभी भी उसे कायदे से समझकर अपना नहीं बना पाते।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)
Sir kuchh HCC ke baare me bhi batayen, why it is cool?