मैंने साफ-साफ कहा था कि निफ्टी 6000 से लेकर 6100 के बीच डोलेगा और यही हो रहा है। आज एक करोड़ से ज्यादा निफ्टी बढ़ाकर अगले सेटलमेंट में ले जाए गए। यह निश्चित रूप से डेरिवेटिव सौदों में हाल का सबसे बड़ा वोल्यूम होगा। कल बाजार 6100 या उसके आसपास बंद होगा। आज यह 5991 अंक पर बंद हुआ है। यानी कल इसमें 100 अंक या इससे ज्यादा की वृद्धि होगी। इसकी सीधी वजह यह है कि निफ्टी ऑप्शंस में 6000 पर पुट और 6200 पर कॉल के पर्याप्त सौदे हो रखे हैं।
डेरिवेटिव कारोबार में 2.21 लाख करोड़ रुपए का ओपन इंटरेस्ट पक्के तौर पर गुमराह करनेवाला है क्योंकि इसमें से ज्यादातर पोजिशन मृत हो चुकी है। स्टॉक फ्यूचर महज 54,000 करोड़ रुपए के हैं। बाकी बिना किसी लिखंत-पढ़ंत की पोजिशन हैं जो असल में गरीब ट्रेडरों की अमीर जेबों की सफाई के लिए हैं।
अयोध्या को एक और भूत बनाकर आपके सामने पेश किया जा रहा है। इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि हमारी सरकार इस मसले पर बाजार के खिलाड़ियों से कहीं ज्यादा चिंतित है। 3 अक्टूबर से दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेल शुरू हो रहे हैं और सुरक्षा का कोई भी मसला भारत की पहले से बिगड़ी छवि को और बिगाड़ सकता है। फिर, नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आ रहे हैं। आप समझ सकते हैं कि मैं क्या कहना चाहता हूं। अयोध्या का फैसला बाजार को नहीं रोक सकता।
सारी बातों की एक बात गांठ बांध लें। जिस भी स्टॉक में उठाव के बाद गिरने का सिलसिला शुरू हो चुका है तो समझ लीजिए कि उनमें ऑपरेटर अब बेचकर नोट बना रहे हैं। ऐसे स्टॉक्स से दूर रहिए। हमने मारुति सुजुकी को डाउनग्रेड किया और आज नोमुरा सिक्यूरिटीज ने कहा कि वे इसमें शॉर्ट हैं। हमने हीरो होंडा में बेचने की सलाह देते हुए रिपोर्ट जारी की है। हमारा मानना है कि यह स्टॉक अभी 30 फीसदी और नीचे जाएगा। कंपनी से होंडा के निकलने की घोषणा इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि इसमें वोडाफोन जैसी कुछ टैक्स देनदारी की फंसान है।
इस बीच स्मॉल कैप शेयरों में तेजी की शुरुआत हो चुकी है। जायस्वाल नेको (बीएसई कोड – 522285) और ट्राइजिन टेक्नोलॉजीज (बीएसई कोड – 517562) जैसे शेयर बढ़ने लगे हैं। स्मॉल कैप स्टॉक्स में सब कुछ दुरुस्त है। आप अपना स्टॉक पूरी रिसर्च के बाद यकीन के साथ चुन लें। आप पैसा बनाएंगे, यह तय है।
जब भी संदेहों से घिरे हों तो सच बोल दें।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)