एशियाई बाजारों की चाल से कदम से मिलाते हुए बीएसई सेंसेक्स 17644 अंक पर बंद हुआ। अमेरिका में बेरोजगारी के नए आंकड़ों ने शुभ संकेत दिए हैं। इसका वहां के बाजार के साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर अच्छा असर पड़ा है।
हालांकि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफ एंड ओ) के नए सेटलमेंट के पहले दिन नई खरीद हुई है। लेकिन वित्त वर्ष का आखिरी दौर होने के कारण कारोबार या वॉल्यूम का स्तर कमजोर ही बना हुआ है। बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों की मांग नजर आई क्योंकि एक तो बैंकों की आय अच्छी रहने की उम्मीद है, दूसरे इऩमें शॉर्ट कवरिंग चल रही है। हम पहले बता चुके हैं कि हाल ही में ब्याज दरें बढ़ने के बाद कारोबारियों में बैंकिंग शेयरों में शॉर्ट सेलिंग कर रखी है।
बाजार में ब्याज दरों में एक बार फिर वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन मेरा मानना है कि अप्रैल में ब्याज दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। इसलिए पूरे अप्रैल महीने में बाजार कंपनियों की आय की धुन पर थिरकेगा। चौथी तिमाही में कंपनियों की आय निश्चित तौर पर बेहतर रहेगी जिससे उनके शेयरों के दाम बढ़ेंगे। लेकिन ध्यान दें कि अच्छे लाभ के बाद उनके वितरण का सिलसिला भी चल सकता है।
सेंसेक्स के बारे मे मेरा अगला लक्ष्य 18,300 अंकों का है जो जल्दी ही हासिल किया जा सकता है। वित्त वर्ष के अंत में मेरी सोच यही है कि कैसे निवेशकों को उनकी पूंजी से अच्छा लाभ दिलाया जाए। मुझे लगता है कि साल 2010 की धुरी मिड कैप और बी ग्रुप के शेयर रहेंगे। इसलिए निवेशकों को इनमें निवेश के मौकों को आजमाना चाहिए।
पुराने के बीच नए की तैयारी हमेशा चलती रहती है। जो इसे देख पाते हैं, कल उन्हीं का होता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)