मानसून की हालत पर मौसम विभाग का बयान, यूबीएस बैंक द्वारा कमोडिटी को डाउनग्रेड किया जाना, कमजोर यूरो और इसके ऊपर से शुक्रवार से निजात पाने की मानसिकता। ऐसी ही तमाम बातें निवेशकों के दिमाग पर हावी रहीं। शहर में एक तरह का डर छाया हुआ है। दलाल पथ में भी भरोसा एकदम निचले पायदान पर पहुंच चुका है। ज्यादातर ट्रेडर और निवेशक पहले ही बाजार से बाहर जा चुके हैं। आज तो एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुल्स) यानी अमीर निवेशकों और घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) ने भी सौदे काटने में भलाई समझी। नतीजतन निफ्टी 5100 अंक से नीचे चला गया।
ऊपर से डाउ फ्यूचर भी ऋणात्मक हो गया। इससे ट्रेडरों में ऐसा कोई भरोसा ही नहीं बचा कि वे अपने सौदों को कैरी फॉरवर्ड करके अगले हफ्ते में ले जाएं और तसल्ली से सप्ताहांत मनाएं। अमूमन ऐसा तभी होता है जब बाजार में विश्वास का संकट छाया रहता है। असल में, उस वक्त जब बाजार पस्त चल रहा हो, तब मानसून में ढीलेपन की रिपोर्ट को फ्लैश करना भी पूर्व-नियोजित व स्थार्थप्रेरित लगता है। पूरी दुनिया जानती है कि हमारा मौसम विभाग अपने आकलन के बारे में महेंद्र सिंह धोनी से बेहतर नहीं है।
जो भी हो, मैं तो अब भी बाजार की तेजी को लेकर आश्वस्त हूं। मुझे यकीन है कि निफ्टी काफी बढ़त के साथ तेजी की राह पर लौटेगा। रोलओवर के लिए अभी मुश्किल से आठ कारोबारी सत्र बचे हैं और इनमें से दो दिन में ही अधिकतम उतार-चढ़ाव या चंचलता आनी है। बाकी छह दिन रोलओवर की प्रक्रिया के हैं। रोलओवर के चलते निफ्टी के लिए निर्धारित 5500 का मेरा लक्ष्य अब मई में पूरा होना मुश्किल लगता है और मैं इसे जून तक खिसका रहा हूं।
विंडसर ने जबरदस्त नतीजे पेश किए हैं और उसका शेयर उफान पर है। इसी तरह शिवालिक बाईमेटल ने अब तक के अपने सबसे बेहतर नतीजे घोषित किए हैं। इसके शेयर अब दिन-ब-दिन सुरक्षित हाथों में जाते दिख रहे हैं और एक दिन वाकई यह बड़ा स्टॉक बन जाएगा। विमप्लास्ट और गिलैंडर्स भी इसी राह पर हैं। एसएनएल बियरिंग्स ने चौथी तिमाही में 1.08 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ घोषित किया है जो महज 3.82 करोड़ रुपए के इक्विटी आधार पर वाकई असाधारण कहा जाएगा।
एसएनएल बियरिंग्स ने पूरे साल 2008-09 में 3 लाख रुपए का ही शुद्ध लाभ हासिल किया था क्योंकि 2 करोड़ रुपए तो उसने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) में डाल दिए थे। अगले साल यह कंपनी कम के कम 6 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ घोषित कर सकती है। निवेश का फैसला आप पर है। कंपनी के 70 फीसदी शेयर प्रबंधन के पास हैं और इसमें तरलता बहुत ही कम है। इसे ट्रेड टू ट्रेड कैटगरी में डाल रखा गया है और डीमैट होने के बावजूद इसमें लॉट 50 शेयरों का है। इसलिए बहुत कम ही लोग इसे खरीदने में कामयाब हो पाएंगे।
हम लेहमान ब्रदर्स का वाकया और उसके बाद बाजार का उठना देख चुके हैं। अब हम ग्रीस के मामले से रू-ब-रू हैं। फिर भी आपको बाजार के बढ़ने के बारे में पूरा यकीन नहीं है। क्या किया जाए! हमें तो पोस्टमोर्टम करने की आदत सी पड़ चुकी है।
वीकेंड अच्छे से मनाइए और हमारी शुभकामना है कि अगले हफ्ते कोई कष्ट न हो। याद रखें, हम ऐसा संकट पहली बार नहीं देख रहे हैं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है । लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)