ग्रीस है चित तो सटोरियों ने किया पट

आज का दिन स्टॉप लॉस के नाम रहा। निफ्टी 5200 अंक के नीचे पहुंचा तो हर तरफ सौदे काटने का सिलसिला चल निकला। चीन ने ब्याज दरें बढ़ा दी थीं और ऑस्ट्रेलिया ने मेटल के दाम। इसलिए दुनिया के बाजारों में पहले से ही थोडी कमजोरी का आलम था। बाजार को तब सदमा-सा लग गया जब ग्रीस ने कह दिया कि उसके लिए 110 अरब यूरो की रकम शायद काफी न पड़े।

हमारे लिए इसका क्या मतलब है? क्या भारत में सक्रिय एफआईआई (विदेशी निवेशक संस्थाएं) भारत में अपनी होल्डिंग बेचकर ग्रीस को सहायता उपलब्ध कराएंगे या भारत सरकार ग्रीस को कुछ देनी वाली है? हां या न! आप मेरे सवाल का उत्तर खुद समझ गए होंगे।

कल अमेरिका का डाउ जोंस सूचकांक गिरकर खुला। लेकिन भारतीय शेयर बाजार आज बढ़कर खुले। डे-ट्रेडरों या सटोरियों को लग गया कि निफ्टी में 5200 का स्तर अब तोड़ा नहीं जा सकता तो मौका ताड़कर वे लग गए उसे जबरन तोड़ने में। बाजार पर इसका असर दिखा और वह 5200 से नीचे चला। यहीं से शुरू हो गया सौदे काटने का सिलसिला। जिन लोगों ने कर्ज उठाकर बाजार में निवेश नहीं किया है, यह उनके लिए घटे हुए दामों खरीद करने का यह सुनहरा मौका है। लेकिन जिन्होंने कर्ज के दम पर पैसे लगाए हैं, उनके सामने ब्रोकरों की मार्जिन कॉल को पूरा करने के अलावा कोई चारा नहीं है।

अब तो बाजार में चर्चा चल निकली है कि अगले दो हफ्तों में निफ्टी 4500 या 4700 के स्तर तक गिर सकता है। ऐसे माहौल में कोई करेक्शन आता है तो वह बाजार में छाई निराशा को और गहरा कर देगा। हालांकि मेरा अपना मानना है कि बाजार (बीएसई सेंसेक्स) 17100, 17000 या 16900 तक जाने के बाद तगड़ा यू-टर्न लेगा। तो, इसके लिए अभी से तैयारी कर लीजिए। इस माहौल का असर कैश सेगमेंट पर नहीं पड़ेगा क्योंकि इन डिलीवरी आधारित सौदों में उधार लेकर निवेश करने का मामला कोई खास नहीं है।

बाजार में जल्दी ही शांति और समझदारी लौटेगी। तब यह चार कदम आगे बढ़कर शुरुआत करेगा और फिर यकीनन सेंसेक्स को 18,000 का स्तर पार कर जाना चाहिए।

एक-एक पल से बनती है जिंदगी। जो इसका हर पल जीते हैं, वही खुशी और कामयाबी हासिल कर पाते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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