हमें बाज़ार का हर भेद समझने की कोशिश में लगे रहना चाहिए। बाज़ार बढ़ा है, यह तथ्य तो सबकी आंखों के सामने है। लेकिन वह नई खरीद के दम पर बढ़ा है या पहले बेचे गए शेयरों की खरीद (शॉर्ट कवरिंग) की मजबूरी के चलते, यह हकीकत सभी को पता नहीं होती। वोल्यूम बढ़ने के साथ शेयर के भाव गिर रहे हों तो साफ है कि शॉर्ट कवरिंग चल रही है। कम वोल्यूम में शेयर चढ़ रहा है तो रिटेल की खरीद जारी है और ज्यादा वोल्यूम पर शेयर चढ़ा या पलटी मारकर उछला तो स्पष्ट है कि संस्थाओं ने खरीदा है। उनकी खरीद का औसत भाव वोल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) बताता है। अब मंगलवार की दृष्टि…
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