कहावत है कि चिंता से चतुराई घट जाती है। लेकिन ब्रिटेन के सनी डाउनस्टेट मेडिकल सेंटर के एक ताजा शोध से पता चला है कि बुद्धिमत्ता और चिंता में बड़ा करीबी रिश्ता है। उच्च बुद्धिमत्ता और चिंता से मस्तिष्क में कोलीन नामक रसायन का क्षरण समान गति से होता है। इसलिए यह कहना गलत है कि चिंता नकारात्मक और बुद्धिमानी सकारात्मक है। दोनों असल में सिक्के का एक ही पहलू हैं। शोध से यह भी पता चलाऔरऔर भी

ऐसी चिंता का क्या फायदा जो किसी समाधान तक आपको न पहुंचा सके? जो आपको भंवरजाल में फंसाकर अनागत के भय के दलदल में डाल दे, वैसी चिंता को ठोकर मारकर आगे निकल जाना चाहिए।और भीऔर भी

जीवन में एक ही चीज निश्चित है। वो है मौत। बाकी सब कुछ अनिश्चित है। ऐसे में भविष्य से घबराने की क्या जरूरत! क्योंकि इन अनिश्चितताओं को नाथकर अपना भविष्य तो हम खुद ही बना सकते हैं।और भीऔर भी

अंधेरे, सुनसान, बियावान सफर के दौरान पीछे से पुकारने वाली आवाजें भुतहा ही नहीं होतीं। कभी-कभी अतीत आपके कंधे पर हाथ रखकर पूछना चाहता है – भाई! कैसे हो, सफर में कोई तकलीफ तो नहीं।और भीऔर भी

ज़िंदगी में पुराने का जाना और नए का आना रिले रेस की तरह नहीं, समुद्र की लहरों की तरह चलता है। लेकिन हम पुरानी लहर के भीतर बन रही नई लहर को नहीं देख पाते और खामखां परेशान हो जाते हैं।और भीऔर भी