ऐसा कोई संवैधानि‍क दर्शन या सि‍द्धांत नहीं है, जि‍ससे कानून बनाने के लि‍ए मात्र संसद को मि‍ले वि‍शेषाधि‍कार पर सवाल उठाने की किसी को अनुमति‍ दी जा सकती हो। लोकपाल पर कानून बनाने की प्रक्रि‍या में सरकार ने निर्धारित सि‍द्धांतों का पालन कि‍या है। लेकिन अण्णा हज़ारे इन्‍हीं सि‍द्धांतों पर सवाल उठा रहे हैं और समझते हैं कि‍ उन्‍हें अपना जन लोकपाल वि‍धेयक संसद पर थोपने का अधि‍कार है। यह कहना है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। उन्होंनेऔरऔर भी