सिद्धांततः बाज़ार शक्तियां निष्पक्ष होती हैं। पर व्यवहार में भारत जैसे विकासशील देश ही नहीं, अमेरिका व यूरोप जैसे विकसित देशों तक में निहित स्वार्थ बाज़ार को अपनी उंगलियों पर नचाते हैं। दो साल पहले उजागर हुआ कि डीबीएस, डॉयचे बैंक, जेपी मॉर्गन व सिटी बैंक जैसे तमाम बैंक दशकों से लिबोर के साथ छेड़छाड़ करते आ रहे हैं। भारतीय शेयर बाज़ार में ऐसा खेल धड़ल्ले से चलता है। कल भी ढाई बजे कुछ ऐसा ही हुआ…औरऔर भी

शेयर बाज़ार एक जैसी जगह है कि जहां लंबा/लांग होने से कहीं ज्यादा फायदा छोटा/शॉर्ट होने में है। दरअसल, शॉर्ट सौदे केवल फ्यूचर्स और ऑप्शंस सेगमेंट में शामिल शेयरों में किए जा सकते हैं और वहां लीवरेज़ काफी ज्यादा होता है। कम पूंजी में बड़े सौदे और बड़ा मुनाफा। शेयर एक दिन में 2% गिरा तो आप 20% तक कमा सकते हैं। लेकिन सीधा-सा नियम है कि रिवॉर्ड ज्यादा तो रिस्क भी ज्यादा। अब गुरुवार की बौद्ध-ट्रेडिंग…औरऔर भी

बाजार के नामी उस्तादों में से शुमार, शंकर शर्मा भी यूको बैंक को खरीदने की सलाह देते सुने गए हैं। वैसे, यूको बैंक (बीएसई कोड – 532505, एनएसई कोड – UCOBANK) में बढ़ने की थोड़ी गुंजाइश भी नजर आ रही है। इस शेयर की बुक वैल्यू 72.65 रुपए है। शुक्रवार को यह 6.79 फीसदी की गिरावट के साथ 131.15 रुपए पर बंद हुआ है। ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस 18.29 रुपए है तो पी/ई अनुपात मात्रऔरऔर भी