बाजार ने कल साबित करने की कोशिश की कि अमेरिकी बाजार से हमारा कोई वास्ता नहीं रह गया है, जबकि ग्लोबल होती जा रही दुनिया का सच यह नहीं है। दरअसल बाजार के महारथियों ने कुछ एफआईआई की मदद से चुनिंदा स्टॉक्स को खरीदकर बनावटी माहौल बनाने की कोशिश की थी। खैर, कल जो हुआ, सो हुआ। आज दोपहर करीब डेढ़ बजे के बाद बाजार ने बढ़त पकड़ ली तो कारोबार के अंत तक सेंसेक्स 0.89% बढ़करऔरऔर भी

एक तो बाजार की सांस ब्याज दरों के बढ़ने के कारण पहले ही उखड़ी हुई है और वो 200 दिनों के मूविंग औसत से नीचे जा चुका है। ऊपर से 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सुप्रीम कोर्ट में आने ने हालत और खराब कर दी। इस माहौल का फायदा उठाकर बाजार के उस्ताद लोगों ने बडे पैमाने पर शॉर्ट सौदे करके माहौल को संगीन बना डाला। आज को मिला दें तो बाजार में गिरने का दौर नौ दिनोंऔरऔर भी

जो भी लोग समझते हैं कि बाजार में करेक्शन इतनी आसानी से आ जाएगा, उनका गलत साबित होना तय है। हां, मैं निफ्टी, बैंकिंग व ऑटो स्टॉक्स को लेकर तेजी की धारणा नहीं रखता, लेकिन मैं रीयल्टी, आइरन ओर और कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों के शेयरों को लेकर जरूर तेजी की सोच रखता हूं। वीआईपी का हाल अभी क्या चल रहा है? इसे मैंने 34 रुपए पर पकड़ा था। आज यह 800 रुपए पर पहुंच चुका है। ट्रेडरऔरऔर भी