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निफ्टी की दशा-दिशा: शुक्रवार 1 जुलाई 2022 अंतिम रुख↓ शाम 3.30 बजे

 

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sustenance

good people good society

समाज नहीं आलू का बोरा!

2018-07-10
By: अनिल रघुराज
On: July 10, 2018
In: ऋद्धि-सिद्धि

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खाली थे तो क्या किया!

2017-08-13
By: अनिल रघुराज
On: August 13, 2017
In: ऋद्धि-सिद्धि

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बेहतर व न्यायसंगत दुनिया के लिए

2017-04-02
By: अनिल रघुराज
On: April 2, 2017
In: ऋद्धि-सिद्धि

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पेशे से इतर

2014-12-08
By: अनिल रघुराज
On: December 8, 2014
In: ऋद्धि-सिद्धि

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निवेश – तथास्तु

  • भविष्य की अनिश्चितता में डूब जाते तर्क
    26 Jun 2022

    अर्थशास्त्र का पारम्परिक सिद्धांत कहता है कि सभी इंसान तर्कसंगत व्यवहार करते हैं और स्वार्थ से संचालित होते हैं। जाहिर है कि शेयर बाज़ार के निवेशकों पर भी यह सिद्धांत लागू होता है। साथ ही शेयर बाज़ार कंपनियों का मूल्य खोजकर निकालने का तर्कसंगत माध्यम है। सभी इंसान तर्कसंगत, बाजार भी तर्कसंगत। फिर कहां लोचा रह जाता है कि शेयरों में धन लगाकर कुछ लोग कमाते हैं और बहुतेरे गंवाते हैं? यह लोचा है स्वार्थ से चलनेवाले […]

पेड सेवा

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क्या आप जानते हैं?

  • कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

    जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

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जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

क्या आप जानते हैं?

कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने

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