हर दिन देश-दुनिया व समाज में इतना कुछ घटित होता है कि उन्हें जानकर हम एक ही दिन में परम ज्ञानी बन सकते हैं। लेकिन नजर की सीमा और आत्मग्रस्तता के कारण हम बहुत कुछ देख ही नहीं पाते।और भीऔर भी