हमारी बाजार नियामक संस्था, सेबी और गरीब रिटेल निवेशक कितने असहाय हैं, इसे इंडिया फॉयल्स के स्टॉक से समझा जा सकता है। हम पहले भी लिख चुके हैं कि किस तरह इंडिया फॉयल्स के नए प्रवर्तक एस डी (Ess Dee) ग्रुप ने इसके शेयर खुले बाजार में 20 रुपए के भाव पर बेचे और इसका भाव 5 रुपए या उससे से भी नीचे ले गए। इसके बाद कुछ शेयरधारक कंपनी प्रबंधन से मिले तो उन्हें समझा दियाऔरऔर भी

पानी की कीमत तो प्यासा ही जानता है। उसी तरह ज्ञान की असली जरूरत और भूख निवेशक समझता है। ट्रेडर की तुलना तो अधिक से अधिक उस बंदर की जा सकती है जो इस डाल से उस डाल, इस पेड़ से उस पेड़ पर फुदकता रहता है। वे तो उन बेचारे देहाती लोगों की तरह है जिनके पास दिन के आखिर में बस पैसा होता है और कुछ नहीं। सेरा, एस्ट्रा, एलएमएल, गिलैंडर… और क्या चाहिए हमेंऔरऔर भी

स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रास्ट्रक्चर्स पर आज सुबह-सुबह ऊपरी सर्किट ब्रेकर लग गया। कल बीएसई में यह शेयर बंद हुआ था 16.53 रुपए पर। आज जैसे ही बढ़कर 17.35 रुपए पर पहुंचा तो चूंकि यह बढ़त 4.96 फीसदी है, इसलिए फौरन 5 फीसदी का सर्किट ब्रेकर लग गया। इसमें करीब 3000 शेयरों के सौदे हुए। यह कोई करोड़ों-अरबों कमानेवाली कंपनी नहीं है। न ही इसने हाल-फिलहाल कोई करिश्मा दिखाया है। फिर भी इसके शेयरों में यह आग क्यों? असलऔरऔर भी