जो लोग ममता बनर्जी के तीखे तेवरों के बाद यूपीए सरकार के अस्थिर होने की बात कर रहे थे, उनके लिए बुरी खबर है कि माया और मुलायम दोनों मजबूती से सरकार के साथ डट गए हैं। मंगलवार को सरकार को उस समय राहत मिली, जब समाजवादी पार्टी और बीएसपी के समर्थन से एनसीटीसी सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के संशोधनों को खारिज कर दिया गया। तृणमूल कांग्रेस मतदान में अनुपस्थित रही। सपा व बीएसपी केऔरऔर भी

जब सारा बाजार शुक्रवार को लांग सौदे करने में लगा था, तब हमने कहा कि बजट बुरा है और निफ्टी को बेचो। निफ्टी धराशाई हो गया। आज प्री-ओपन सत्र में निफ्टी 5340.70 तक पहुंच गया और शुक्रवार से 0.37 फीसदी ऊपर था। लेकिन बाद में बाजार को बजट के बुरा होने का अहसास हुआ और निफ्टी लगातार गिरने लगा। अंत में 1.14 फीसदी की गिरावट के साथ 5257.05 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी फ्यूचर्स का आखिरीऔरऔर भी

बाजार की चाल निराली है। वित्त मंत्री के बजट भाषण शुरू करने के आधे घंटे में इसकी दशा-दिशा दिखाने वाला सूचकांक निफ्टी 5445.65 की ऊंचाई तक जा पहुंचा। फिर गिरने-उठने लगा और आखिर में कल से 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 5317.90 पर बंद हुआ। मुझे भी लगता है कि बजट में ऐसा कुछ नहीं, जिसे खास माना जाए। निजी आयकर में छूट की सीमा को 20,000 रुपए बढ़ा देने से लोगों की खर्च करने कीऔरऔर भी

मैंने कहा था कि ब्याज दर में कटौती नहीं होगी और कटौती वाकई नहीं हुई। असल में रेपो दर में 0.25 फीसदी और एसएलआर में एक फीसदी कमी की बात जानबूझकर फैलाई जा रही थी। एक विदेशी मीडिया तक ने ऐसी खबर चलाई थी। ब्याज नहीं घटी तो बाजार में स्वाभाविक रूप से निराशा छा गई। और, तब बाजार को गिरना ही था। निफ्टी आखिरकार 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 5380.50 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टीऔरऔर भी

बाजार आज तकरीबन पांच मिनट को छोड़कर बाकी दिन भर ऊपर बना रहा। सेंसेक्स 0.48 फीसदी की बढ़त लेकर 17,587.67 और निफ्टी 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 5359.55 पर बंद हुआ। लेकिन एमसीएक्स नीचे में 1214 रुपए तक चला गया। यह मेरी उस धारणा की पुष्टि करता है कि आईपीओ में ओवर-सब्सक्रिप्शन ऊपर से कराया गया था, मैनेज किया गया था और जो भी मांग दिखाई गई, वह बनावटी थी। यही वजह है कि जिन लोगोंऔरऔर भी

मायावती ने बड़ा विचित्र-सा बयान दिया है कि उनकी हार के लिए कांग्रेस और बीजेपी जिम्मेदार हैं क्योंकि उनकी हरकतों ने मुसलमान तबके का 70 फीसदी वोट मुलायम की समाजवादी पार्टी की तरफ केंद्रित कर दिया। लेकिन हकीकत यह है कि इस बार महिलाओं का ज्यादा वोट देना असल में मायावती के लिए भारी पड़ा है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 60.29 फीसदी महिला मतदाताओं ने अपनेऔरऔर भी

किसी भी एक्जिट पोल ने ऐसा नहीं कहा था और न ही किसी राजनीतिक विश्लेषक ने ऐसा सोचा था कि उत्तर प्रदेश की 403 सीटों वाली विधानसभा में मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को 224 सीटों का जबरदस्त बहुमत मिल जाएगा। मुलायम तो राजनीतिक अखाड़े के पुराने पहलवान हैं और अब तक चुनावी वादों के प्रति एकदम संवेदनहीन हो चुके होंगे। लेकिन सपा के राज्य अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वे चुनाव प्रचार केऔरऔर भी

मैंने कहा था कि निफ्टी का 5277 पर बंद होना रुख के पलटने का आगाज करेगा। निफ्टी फ्यूचर्स कल नीचे में 5295 तक चला गया और आज 5232 तक चला गया, जो इसका बंद स्तर भी है। हालांकि आज निफ्टी कैश सेगमेंट में 5382.05 तक ऊंचा जाने के बाद 1.22 फीसदी की गिरावट के साथ 5222.40 पर बंद हुआ। समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिल चुका है तो कांग्रेस का साथ लेनाऔरऔर भी

एक्जिट पोल बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश चुनाव में बाजी समाजवादी पार्टी के हाथ लगेगी। एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। इन दोनों ही घटनाओं का बाजार पर थोड़ा असर हुआ। यूं तो समाजवादी पार्टी ने कहा है कि उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन यह सब राजनीतिक शोशेबाज़ी है। अगर वो 200 सीटों तक नहीं पहुंच पाती तो उसका काम कांग्रेस के बगैर नहीं चल सकता। वैसे भी एक्जिट पोलऔरऔर भी

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का पहला दौर 55 सीटों पर मतदान के साथ खत्म हो चुका है। ग्रामीण इलाकों में औसतन 65 फीसदी और शहरी इलाकों में 55 फीसदी का रिकॉर्ड मतदान हुआ है। अभी छह और दौर के मतदान होने हैं। लेकिन पहले दौर में मतदाताओं के मूड से ऐसा आभास मिल रहा है कि प्रदेश में मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी सत्ता में आने जा रही है। 403 में से 202 के बहुमत मेंऔरऔर भी