यह कोई अप्रैल फूल की बात नहीं है। बाजार जब 5200 पर था, तभी मुझे यकीन था कि यह 6000 की तरफ बढ़ेगा और इसने ऐसा कर दिखाया। मार्च काफी घटनाप्रधान महीना रहा, जब बजट और जापान ने बाजार को घेरे रखा। बजट ने माहौल बनाया तो जापान की आपदा ने शॉर्ट के सौदागरों को खेलने का मौका दे दिया। लेकिन बाजार जब अपना रुख पलटकर 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के पार चला गया तोऔरऔर भी

फंडामेंटल जस के तस, फिर भी बाजार खटाखट 1000 अंक ऊपर चला गया! लोगों को अचानक अर्थव्यवस्था व कॉरपोरेट क्षेत्र की मजबूती का इलहाम हो रहा है। लेकिन हम लगातार इस सच से निवेशकों को वाकिफ कराते रहे हैं कि ताकि उनका विश्वास गिरने न पाए। हालांकि हमें यह भी पता है कि निवेशक जो देखते-सुनते हैं, अफवाहों की ताकतवर मशीनरी जैसा उन्हें समझाती है, वे उसी में बह जाते हैं। हर कोई अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और मार्केटऔरऔर भी

बाजार में 800 अंकों के सुधार का मतलब यह नही है कि अंधेरा खत्म, मुसीबत टल गई। हम जैसे ही यह सोचते हैं कि सब कुछ पटरी पर आ गया है, उससे पहले ही बिकवाली का नया झोंका सब कुछ फिर से पटरा कर देता है। कल मैं एक बिनजेस चैनल पर कार्यक्रम देख रहा था जहां कुछ ज्ञानी लोग एक सर्वेक्षण पर बहस कर रहे थे जिसका निष्कर्ष यह था कि देश के 97 फीसदी लोगऔरऔर भी

मंगलम ड्रग्स एंड ऑर्गेनिक्स (बीएसई कोड – 532637, एनएसई कोड – MANGALAM) कोई बड़ी कंपनी नहीं है। कुल बाजार पूंजीकरण अभी (शेयर के भाव और कुल जारी शेयरों की संख्या का गुणनफल = 20.45 X 1.318 करोड़) 26.953 करोड़ रुपए है। उसकी चुकता शेयर पूंजी 13.18 करोड़ रुपए है जो 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी है। गुरुवार को दुरुस्त नतीजे घोषित करने के बाद शुक्रवार को उसका शेयर 6.23 फीसदी बढ़कर 20.45 रुपए परऔरऔर भी

बाजार में बढ़त जारी है। बीएसई सेंसेक्स 20000 के स्तर से करीब 410 अंक और एनएसई निफ्टी 6000 के स्तर से करीब 120 अंक पीछे है। लेकिन मेरा यकीन है कि इस सेटलमेंट में ऐसा नहीं हो पाएगा। हालंकि इसी सेटलमेंट में निफ्टी 6000 अंक के ऊपर चला गया तो मैं इस दुनिया का सबसे खुश इंसान होऊंगा क्योंकि यह मेरा सपना रहा है। मैं निफ्टी में 2800 अंक से लेकर आपको 5900 तक लाया हूं औरऔरऔर भी

कुछ दिनों पहले हमने टाटा मोटर्स और एसबीआई की बात उठाई थी और इन दोनों ही शेयरों ने औरों से ज्यादा तेजी दिखाई है। आरडीबी को आईटीसी द्वारा खरीदने की बात अब पीटीआई, सीएनबीसी, एनडीटीवी, ब्लूमबर्म और रॉयटर्स जैसे कई समाचार माध्यमों में आ गई है। निश्चित रूप से अब इसका खंडन भी आएगा क्योंकि 350 करोड़ रुपए में सौदे की बात कही गई है, जबकि आरडीबी का बाजार पूंजीकरण अभी मात्र 75 करोड़ रुपए है। इसलिएऔरऔर भी

इधर पिछले कई महीनों से मिड कैप और स्माल कैप कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग बढ़ती गई है। इसके बावजूद अब भी बाजार के कुल पूंजीकरण का करीब 70 फीसदी हिस्सा लार्ज कैप कंपनियों से आता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में ऐसी लार्ज कैप कंपनियों की सख्या महज 77 है। दूसरी तरफ मिड कैप कंपनियों में होनेवाला कारोबार बाजार के कुल पूंजीकरण का 20 फीसदी है और ऐसी कंपनियों की संख्या 209 है। लेकिन स्मॉल कैप कंपनियोंऔरऔर भी