अगर कुछ ठोस उपाय नहीं किए गए तो भारतीय रेल की माली हालत ध्वस्त होने की कगार है। करीब महीने भर पहले 17 फरवरी को परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन अनिल काकोदकर की अध्यक्षता में बने विशेषज्ञ दल ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही थी। उसका कहना था कि भारतीय रेल को सुरक्षित यात्रा के मानकों को पूरा करने के लिए करीब एक लाख करोड़ रुपए लगाने होंगे। इसके दस दिन बाद 27 फरवरी को राष्ट्रीयऔरऔर भी

भारतीय रेल ने नए वित्त वर्ष 2011-12 में 57,630 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। यह किसी एक साल में रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा आयोजना खर्च है। इस खर्च में से 20,000 करोड़ रुपए वित्त मंत्रालय से बजटीय सहयोग के रूप में मिलेंगे। भारतीय रेल अपने आंतरिक स्रोतों से 14,219 करोड़ रुपए लगाएगी। डीजल पर सेस या अधिभार से 1041 करोड़ रुपए मिलेंगे। निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप)औरऔर भी