शोर, हो-हल्ले में सच बड़ा साफ है
फाइनेंस की दुनिया में चाहे कोई योजना बनानी हो, किसी स्टॉक या बांड का मूल्यांकन करना हो या बकाया होमलोन की मौजूदा स्थिति पता करनी हो, हर गणना और फैसला हमेशा आगे देखकर किया जाता है, पीछे देखकर नहीं। पीछे देखकर तो पोस्टमोर्टम होता है और पोस्टमोर्टम की गई चीजें दफ्नाने के लिए होती हैं, रखने के लिए नहीं। इसलिए बस इतना देखिए कि आपके साथ छल तो नहीं हो रहा है। भरोसे की चीज़ पकड़िए औरऔरऔर भी
घंटे-घंटे के चार्ट पर चढ़ाते गए छज्जा
अमेरिका में बेरोज़गारी की दर तीन सालों के न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है। डाउ जोन्स मई 2008 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर आ चुका है। वह शुक्रवार को 1.2 फीसदी की बढ़त लेकर 12,862.23 पर बंद हुआ है। लेकिन अब वहां करेक्शन आना लाजिमी है। देश में निफ्टी बड़े शान से 5300 का स्तर तोड़कर ऊपर आ चुका है। लगातार तीन दिन से 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) से ऊपर टिका है। अरसे सेऔरऔर भी
एक कदम पीछे, तभी दो कदम आगे
उम्मीद के मुताबिक 5050 पर पहुंचकर निफ्टी की सांस फूलती नजर आई। जाने को वह सवा तीन बजे के आसपास ऊपर में 5064.15 तक चला गया। पर बंद हुआ 0.60 फीसदी की बढ़त के साथ 5048.60 पर। वैसे, यह अब भी 5140 तक जा सकता है। लेकिन अगर यह सीधे-सीधे वहां तक चला गया तो बाजार में लांग बने रहने का कोई तुक नहीं रहेगा क्योंकि करेक्शन के बिना कोई अच्छी चीज टिकती नहीं है। मेरा तर्कऔरऔर भी
न करें उन्हें बेचने की निपट मूर्खता
आज का हाल भी कल जैसा रहा। जहां सेंसेक्स और निफ्टी क्रमशः 0.38 और 0.31 फीसदी गिर गए, वहीं बीएसई के मिड कैप सूचकांक में 0.47 फीसदी और स्मॉल कैप सूचकांक में 0.78 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है। इसी तरह एनएसई का सीएनएक्स मिड कैप सूचकांक 0.43 फीसदी और निफ्टी मिड कैप-50 0.55 फीसदी बढ़ा है। नोट करने के बात यह भी है कि सीएनएक्स रीयल्टी सूचकांक में आज 3.34 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है।औरऔर भी
लीजिए पेश हैं काम के चुनिंदा स्टॉक्स
सेंसेक्स और निफ्टी की बात करें तो बाजार सुबह से दोपहर तक गिरता रहा, लेकिन अंत आते-आते संभल गया। फिर भी बीएसई के मिड कैप और स्मॉल कैप सूचकांक क्रमशः 0.79 फीसदी और 1.38 फीसदी बढ़ गए। एक बात ध्यान रखें कि बाजार में करेक्शन यानी गिरावट आए या न आए, कंपनी विशेष के बारे में कोई नई सूचना लानेवाली खबर उसके शेयरों के भावों को बढ़ा देगी। हम अबन ऑफशोर, बीजीआर एनर्जी, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), रिलायंसऔरऔर भी
राजा आ गए तो पीछे आएगी प्रजा भी
भारत ने विश्व कप जीतकर एक देश के रूप में खुद को दुनिया में सबसे ऊपर साबित कर दिया। देश में ऐसा जबरदस्त जोश व जुनून छा गया कि पहली बार फाइनल मैच पर लगा सट्टा 20,000 करोड़ रुपए से भी ऊपर चला गया और मैच के टिकट ब्लैक में 1.75 लाख रुपए में बिके। अगर भारत न जीतता तो देश भर में भयंकर मायूसी छा जाती। लेकिन इस जीत का दुखद पहलू यह है कि हमऔरऔर भी
मिड व स्मॉल कैप का रंग चोखा क्यों!
यह कोई अप्रैल फूल की बात नहीं है। बाजार जब 5200 पर था, तभी मुझे यकीन था कि यह 6000 की तरफ बढ़ेगा और इसने ऐसा कर दिखाया। मार्च काफी घटनाप्रधान महीना रहा, जब बजट और जापान ने बाजार को घेरे रखा। बजट ने माहौल बनाया तो जापान की आपदा ने शॉर्ट के सौदागरों को खेलने का मौका दे दिया। लेकिन बाजार जब अपना रुख पलटकर 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के पार चला गया तोऔरऔर भी
बताकर खराब, खुद खरीदे जा रहे हैं!
विश्व कप का उन्माद अब भी भारतीय पूंजी बाजार पर छाया है। तेजी का सिलसिला जारी है। अचानक तीन बजे के आसपास बाजार ने एक गोता लगाया था। लेकिन अंत में निफ्टी व सेंसेक्स दोनों ही 0.80 फीसदी की बढ़त लेकर बंद हुए। आश्चर्य की बात तो यह है कि ताईवान व कोरिया के बाजार 2008 की ऊंचाई को पार कर गए हैं। यहां तक कि डाउ जोन्स भी भारी मूल्यांकन के साथ अब तक के ऐतिहासिकऔरऔर भी
ये बनें या वो बनें, पर त्रिशंकु न बनें
मैंने आपको जो बताया था, वो सच हो गया। 5400 के आसपास मंदड़ियों मे भरपूर कोशिश की। लेकिन विकट हमले के बावजूद वे यह स्तर नहीं तोड़ सके। इससे उनको समझ में आ गया है कि बाजार अपना न्यूनतम स्तर पकड़ चुका है और अब इसे और नीचे ले जाना संभव नही। और, मैंने भी उनका सारा गोरखधंधा बेहद करीब से देखने के बाद बहुत कुछ सीखा है। हमने अप्रैल 2008 में निफ्टी जब 4800 पर था,औरऔर भी

