रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। इसके बाद तय हुआ कि रेल बजट 2012-13 पर जो भी चर्चा होगी, उसका जवाब वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी देंगे। सोमवार से लोकसभा में रेल बजट पर चर्चा शुरू हो चुकी है। ये पहला मौका है जब अलग तरह के राजनीतिक हालात पैदा हो गए हैं। लिहाजा सरकार के सामने बड़ी चुनौती आ गई कि रेल बजट परऔरऔर भी

मैंने कहा था कि ब्याज दर में कटौती नहीं होगी और कटौती वाकई नहीं हुई। असल में रेपो दर में 0.25 फीसदी और एसएलआर में एक फीसदी कमी की बात जानबूझकर फैलाई जा रही थी। एक विदेशी मीडिया तक ने ऐसी खबर चलाई थी। ब्याज नहीं घटी तो बाजार में स्वाभाविक रूप से निराशा छा गई। और, तब बाजार को गिरना ही था। निफ्टी आखिरकार 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 5380.50 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टीऔरऔर भी

भारतीय रेल के जिन जनरल डिब्बों और लोकल उपनगरीय ट्रेनों में देश के बूढ़े, बच्चे, महिलाएं और युवा जानवरों की तरह सफर करते हैं, सरकार का मानना है कि उससे उसे सबसे ज्यादा घाटा हो रहा है और इनके किरायों में वृद्धि करना अब अपरिहार्य हो गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य (ट्रैफिक) वीनू एन माथुर का कहना है यात्री किरायों को बढ़ाए बगैर रेलवे के घाटे को संभालऔरऔर भी

रेल मंत्रालय ने तत्काल यात्रा योजना के दुरुपयोग के रोकने के लिए कुछ ठोस उपाय किए हैं जो अगले हफ्ते से लागू हो जाएंगे। इसके तहत अब तत्काल योजना के तहत टिकट ट्रेन अपने मूल स्टेशन से जिस तारीख को शुरू हो रही है, उससे एक दिन पहले मिला करेंगे। मान लीजिए कोई ट्रेन कोलकाता से 18 नवंबर को शुरू हो रही है तो उसका तत्काल टिकट 17 नवंबर को देश में किसी भी जगह से सुबहऔरऔर भी

पिछले आठ सालों से भारतीय रेल ने यात्री किराया नहीं बढ़ाया है, जबकि यात्री ट्रेनें चलाने का खर्चा तकरीबन सौ फीसदी बढ़ चुका है। इस लिहाज से अब किराया दोगुना होना चाहिए, लेकिन हम इतनी बढ़ोतरी नहीं कर सकते। इस मामले में हमें चतुराई से काम करना होगा। किराया इस तरह बढ़ाया जाना चाहिए ताकि वह वाजिब व तर्कसंगत लगे ताकि बाद में उनसे जुड़े सवालों का जवाब दिया जा सके। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बुधवारऔरऔर भी

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस साल के रेल बजट में ऐसी कोई नीतिगत घोषणा नहीं की थी। लेकिन भारतीय रेल अब रिटायरिंग रूम्स या प्रतीक्षालय का प्रबंध निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इसकी शुरुआती राजधानी दिल्ली से की जा रही है। कहा जा रहा है कि इससे रेलवे स्टेशनों के प्रतीक्षालयों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उत्तर रेलवे की योजना के अनुसार इस प्रकार के प्रतीक्षालयों में टीवी सेट और रूम सर्विसऔरऔर भी

भारतीय रेल ने नए वित्त वर्ष 2011-12 में 57,630 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। यह किसी एक साल में रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा आयोजना खर्च है। इस खर्च में से 20,000 करोड़ रुपए वित्त मंत्रालय से बजटीय सहयोग के रूप में मिलेंगे। भारतीय रेल अपने आंतरिक स्रोतों से 14,219 करोड़ रुपए लगाएगी। डीजल पर सेस या अधिभार से 1041 करोड़ रुपए मिलेंगे। निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप)औरऔर भी

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को गलत बताया कि उनका रेल बजट लोकलुभावन या पश्चिम बंगाल केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बजट में पूरे देश का ध्यान रखा है और हर क्षेत्र के लिए परियोजनाएं दी हैं। लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-2012 का रेल बजट पेश करने के बाद संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ममता ने सीपीएम के उस आरोप को भी गलत बताया कि उन्होंने रेलवे को कंगाल बनाऔरऔर भी

पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने रेल बजट को ‘कोरी घोषणाओं का पुलिंदा’ करार देते हुए कहा कि इस बजट के जरिये पश्चिम बंगाल में अपनी चुनावी रेल दौड़ाने की कोशिश कर रही मौजूदा रेल मंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रालय को अर्श से फर्श पर ला दिया है। आरजेडी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अशोक सिंह ने ममता द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रेलमंत्री काऔरऔर भी