न ज़िंदगी में सब दिन एकसमान होते हैं, न अर्थव्यवस्था में। मजबूती और कमज़ोरी का छोटा-बड़ा चक्र बराबर चलता रहता है। ऐसे में संयत नज़रिए से काम करनेवाला इंसान ही सफल होता है। इसी तरह कंपनियां भी वही कामयाब होती हैं जो बदलाव के चक्र के हिसाब से अपनी नीतियों को संवारती रहती हैं। तथास्तु में आज ऐसी ही एक कंपनी पेश है जो अर्थव्यवस्था के चक्र के चलते फिलहाल थोड़ा दबी है, लेकिन आगे चमकेगी ज़रूर…औरऔर भी

अच्छी कंपनियां चुनो तो वे कभी-कभी ज्यादा ही अच्छी निकल आती हैं। आज तथास्तु में हम जिसका जिक्र करने जा रहे हैं, वो ऐसी ही कंपनी है। हमारी गणना थी कि उसका शेयर चार साल में 52% बढ़ेगा। लेकिन वो सवा साल में ही 158% बढ़ गया। कंपनी की मौजूदा बिजनेस रणनीति व संभावनाओं के आधार पर लगता है कि उसका शेयर अगले चार साल में 105% और बढ़ सकता है। सब्सक्राइबरों के लिए खोलते हैं रहस्य…औरऔर भी

एफडी में इसलिए निवेश करते हैं क्योंकि वहां मूलधन की सुरक्षा के साथ बराबर ब्याज मिलता है। लेकिन 9% सालाना ब्याज पर धन आठ साल में दोगुना होगा। वहीं अगर अच्छी कंपनी में निवेश करें तो धन तीन साल में दोगुना हो सकता है। जैसे, तीन साल पहले इसी कॉलम में हमने पॉलि मेडिक्योर में निवेश को कहा था, तब उसका शेयर 240 रुपए पर था, अभी 514 रुपए है। आज तथास्तु में एक और संभावनामय कंपनी…औरऔर भी

फाइनेंस की पूरी एक गोल-गोल दुनिया है जो अर्थतंत्र के पूरक का काम करती है। केंद्रीय बैंक, नोटों को छापना, मुद्रास्फीति, सरकारी खज़ाने का घाटा, सरकार व कंपनियों के कर्ज, ब्याज की दर और ऐसी तमाम छोटी-बड़ी चीजें। पर आम लोग फाइनेंस की इस दुनिया में चक्कर खा जाते हैं तो अभी तक भौतिक आस्तियों से चिपके हुए हैं। हमारी कोशिश है कि फाइनेंस की दुनिया को सुलझाकर पेश किया जाए। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

बाज़ार में गिरावट का आलम हो तो अच्छी कंपनियों के शेयर भी गिर जाते हैं, लेकिन उनका अंतर्निहित मूल्य नहीं गिरता। सो, बुद्धिमान निवेशक गिरावट के ऐसे मौकों की बेसब्री से बाट जोहते हैं क्योंकि तब उन्हें अच्छी कंपनियों के शेयर सस्ते में खरीदने का मौका मिल जाता है। वैसे भी समय के साथ अपने उत्पाद व सेवाओं को अपग्रेड करती कंपनियां निवेश के लिए हमेशा माकूल रहती हैं। तथास्तु में आज एक ऐसी ही मजबूत कंपनी…औरऔर भी

सत्रह जनवरी 2012 को जब हमने इस दवा कंपनी में निवेश को कहा था, तब उसका शेयर 14.35 रुपए पर था। इसी महीने उसका शेयर 322.50 तक उठने के बाद फिलहाल 285 रुपए पर है। तीन साल में 1886% रिटर्न! इसके पीछे कोई ऑपरेटर नहीं, बल्कि कंपनी के बिजनेस की ताकत है। वह शोध पर जमकर निवेश करती है। उसके पास तमाम दवाओं के पेटेंट हैं। अब भी यह दीर्घकालिक निवेश के लिए एकदम मुफीद कंपनी है…औरऔर भी

ट्रेडिंग में हम किसी शेयर के तात्कालिक आवेग को भुनाते हैं। इसलिए हफ्ते, दस दिन या महीने, दो महीने में फायदा कमाकर वहां से निकल लेते हैं। लेकिन, जब हम अच्छे प्रवर्तक की बढ़ते धंधे में लगी उभरती कंपनी में निवेश करते हैं तो फटाफट निकलने की कतई नहीं सोचनी चाहिए क्योंकि उसका बिजनेस बराबर बढ़ते जाना है जिसके ताप से उसका शेयर भी चढ़ता चला जाता है। आज तथास्तु में ऐसी ही एक और संभावनामय कंपनी…औरऔर भी

तमाम निवेश सलाहकार और म्यूचुअल फंड के लोग कहते हैं कि हमें इक्विटी या शेयरों में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए। लेकिन यह नहीं बताते कि लॉन्ग टर्म मतलब कितना? साल-दो साल या पांच-दस साल! हमारा मानना है कि हर कंपनी के बढ़ने का एक चक्र होता है। उसी चक्र के हिसाब से हमें निवेश की मीयाद तय करनी चाहिए। मसलन, आज तथास्तु में बताई गई कंपनी का उठाव चक्र दो-तीन साल का ही है…औरऔर भी

शेयरों के भाव कभी न कभी अपने अंतर्निहित मूल्य तक पहुंचते ही हैं। चढ़ा हुआ स्टॉक नीचे उतरता है और गिरा हुआ स्टॉक ऊपर भी उठता है। फिर, निवेश करते वक्त सुरक्षित मार्जिन भी लेकर चलना होता है। अगर किसी स्टॉक में ऐसा मार्जिन न दिखे तो फिलहाल उसमें निवेश नहीं करना चाहिए और हमें उसके गिरने की बाट जोहनी चाहिए। नहीं गिरे तो उसका मोह छोड़ देना ही श्रेयस्कर है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

शेयर बाज़ार में भरोसे का भयंकर अकाल है। तमाम ब्रोकरेज़ हाउस व एनालिस्ट घनेरों सलाह देते हैं। लेकिन, वे जो कहते हैं, खुद उसका उल्टा करते हैं। उनका मकसद किसी तरह निवेशकों का शिकार करना होता है। निवेशकों की हालत यह है कि दूध का जला, छाछ भी फूंककर पीता है। ऐसे में निष्पक्ष व ईमानदार सलाह का पता लगते ही लोग उसके दीवाने हो सकते हैं। मगर, उन्हें पता तो लगे! तथास्तु में नई संभावनामय कंपनी…औरऔर भी