बहुत मुमकिन है कि आपने गांवों में कुंओं पर चलनेवाली रहट नहीं देखी होगी। मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे-मोती जैसे पुराने गानों में देख सकते हैं। एक चक्र में चलती है रहट। खाली कूप नीचे जाता है और पानी भरकर ऊपर आ जाता है। नीचे जाकर मूल्यवान बनने का ऐसा ही चक्र हमारे शेयर बाजार में भी चलता है। हां, यहां रहट एक जगह टिकी नहीं रहती, बल्कि वह भी कंपनी का मूल्य बढ़नेऔरऔर भी

भगवान ने इंसान को बनाया या इंसान ने भगवान को – यह बात मैं दावे के साथ नहीं कह सकता। लेकिन इतना दावे के साथ जरूर कह सकता हूं कि दस के चक्र/क्रम में चलनेवाली गिनतियों को इंसान ने ही बनाया है। इंसान की दस उंगलियां है तो यह चक्र दस का है। उन्नीस होतीं तो यह चक्र उन्नीस का होता। ज्योतिष और अंकों में दिलचस्पी रखनेवाले इस पर सोचें। हम तो फिलहाल यह देखते हैं किऔरऔर भी

ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (टीसीआई) माल की ढुलाई ही नहीं करती, सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स सेवाएं भी मुहैया कराती है। 1958 में शुरुआत कोलकाता में एक ट्रक से की थी। अब दुनिया के 12 देशों तक पहुंच चुकी है। भारत में लॉजिस्टिक्स उद्योग की सबसे बड़ी कंपनी है। दावा है कि वह देश के कुल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 2.5 फीसदी अकेले इधर से उधर करती है। फिलहाल ताजा घोषित नतीजों के अनुसार उसने वित्त वर्षऔरऔर भी

श्री रेणुका शुगर्स में निवेश करने की सलाह सात-आठ महीने पहले शुरू हो गई थी। अक्टूबर से दिसंबर 2010 के बीच सभी ललकार कर कहते हैं कि इसे खरीद लो, इसमें अच्छा रिटर्न मिलेगा। लेकिन तब यह शेयर बहुत बेहतर स्थिति में था। नवंबर में 108.15 रुपए तक चला गया जो 52 हफ्ते का उसका उच्चतम स्तर है। जनवरी में उसका सर्वोच्च स्तर 101.50 रुपए रहा। लेकिन अजीब बात है कि जो शेयर अक्टूबर से दिसंबर-जनवरी तकऔरऔर भी

मानसून अच्छा है। समय पर है। इसलिए खेती-किसानी की हालत बेहतर रहेगी। बहुत साफ-सी बात है कि इसी के अनुरूप खाद व उर्वरक की मांग भी बढ़ेगी। इससे उर्वरक कंपनियों का धंधा चमकेगा। धंधा चमकेगा तो उनके शेयर भी चमकेंगे। लेकिन दिक्कत यह है कि उर्वरक कंपनियों में जब भी निवेश की बात आती है तो लोग आमतौर पर नागार्जुन फर्टिलाइजर्स और चंबल फर्टिलाइजर्स की ही चर्चा करते हैं। नागार्जुन फर्टिलाइजर्स के बारे में सालों-साल से चर्चाऔरऔर भी

हमारे शेयर बाजार में वेलस्पन नाम की पांच कंपनियां लिस्टेड हैं – वेलस्पन कॉर्प, वेलस्पन इंडिया, वेलस्पन इनवेस्टमेंट्स, वेलस्पन प्रोजेक्ट्स और वेलस्पन सिन्टेक्स। ये सारी की सारी एक ही समूह की कंपनियां है और इनके सामूहिक चेयरमैन बाल कृष्ण गोयनका हैं। आज यहां हम बात कर रहे हैं वेलस्पन कॉर्प की। यह बड़े व्यास की लंबी-लंबी पाइप बनानेवाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है। भारत ही नहीं, दुनिया भर की तमाम पाइपलाइन परियोजनाओं को इसनेऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी बीएचईएल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) ने हफ्ते भर पहले सोमवार, 23 मई को घोषित किया कि वित्त वर्ष 2010-11 में उसका टर्नओवर 22.94 फीसदी बढ़कर 43,394.58 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 39.45 फीसदी बढ़कर 6011.20 करोड़ रुपए हो गया है। उसके पास 1.64 लाख करोड़ रुपए के अग्रिम ऑर्डर हैं। लेकिन उसका शेयर शुक्रवार 20 मई के 2074.40 रुपए से भाव से 6.69 फीसदी गिरकर 1935.60 रुपए पर आ गया। इसके बादऔरऔर भी

हम कोई सामान खरीदने जाते हैं, पूरी तहकीकात करते हैं। कई दुकानों पर पूछते हैं। रिश्तेदारों व पड़ोसियों तक से पूछ डालते हैं। लेकिन शेयरों में निवेश हम झोंक में करते हैं। टिप्स की तलाश में लगे रहते हैं। हमारी इसी मानसिकता का फायदा उठाने के लिए इन दिनों तमाम वेबसाइटों से लेकर एसएमएस तक से टिप्स भेजे जाने लगे हैं। इधर फंडामेंटल्स मजबूती की बात उठने लगी तो कुछ एसएमएस फंडामेंटल बताकर ही निवेश की सलाहऔरऔर भी

मास्टेक लिमिटेड के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और सीईओ भी सुधाकर राम हैं। मैं तो उनके विचारों का मुरीद हूं। आप भी पढेंगे तो कायल हो जाएंगे। करीब डेढ़ साल पहले शिक्षा पर मैंने उनका लेख पढ़ा था जिसमें उन्होंने एक अनुसंधान का जिक्र करते हुए लिखा था कि चार साल की उम्र तक लगभग हर बच्चा जीनियस होता है। फिर मैंने मास्टेक फाउंडेशन की तरफ से चलाई जानेवाली वेबसाइट पर उनके कई लेख पढ़े और इस शख्सऔरऔर भी

आईटीसी सिर्फ सिगरेट बनाती है, से सिगरेट भी बनाती है के सफर पर कायदे से बढ़ रही है। उसके धंधे का 57 फीसदी हिस्सा सिगरेट से इतर कामों से आने लगा है, हालांकि मुनाफे का 82 फीसदी हिस्सा अब भी सिगरेट से आता है। बाजार ने उसे सर-आंखों पर बिठा रखा है। इस साल सेंसेक्स का सबसे उम्दा स्टॉक बना हुआ है। पिछली तिमाही में सेंसेक्स गिरा है तो यह बढ़ा है। इस समय यह एक नहीं,औरऔर भी