हाथ पर हाथ धरे बैठना अपने विनाश को न्यौता देना है क्योंकि जब तक आप कुछ करते हो तभी तक जिंदा हो, नहीं तो नकारात्मक शक्तियां आपको खाना शुरू कर देती हैं। भव्य महल भी खंडहर बन जाते हैं।और भीऔर भी