युद्ध जारी है। रूस यूक्रेन में अपनी समर्थक सरकार बनाए बिना पीछे नहीं हटनेवाला। नाटो ने भी टैंक भेजने शुरू कर दिए हैं। अब शेयर बाज़ार का क्या होगा? पहले दिन जमकर गिरा। अगले दिन उठ गया। अब क्या होगा? गिरेगा या उठेगा! लेकिन हां या ना, सही या गलत और कंप्यूटर की भाषा में कहें तो शून्य व एक की बाइनरी अलावा भी दुनिया में बहुत होता है। सोचने की आसानी से लिए यकीनन यह तरीकाऔरऔर भी

दिल्ली की कंपनी है एक्शन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट। क्रेन, लोडर व बुलडोजर टाइप उपकरण बनाती है। रेलवे, डिफेंस और कंस्ट्रक्शन व इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग में इसका माल खपता है। देश में मोबाइल क्रेन का आधे से ज्यादा बाज़ार इसके पास है। शेयर सस्ता दिखता है। लेकिन कल ही आए कंपनी के नतीजे अच्छे नहीं रहे। स्मॉल कैप कंपनी है। खुद रिसर्च करके देखें कि इसमें निवेश करना चाहिए कि नहीं। हम आज दो लार्ज कैप कंपनियां लेकर आए हैं।औरऔर भी

महीने के शुरू में एनालिस्ट समुदाय में भारी कयासबाजी चल रही थी कि दिसंबर का महीना ऐतिहासिक रूप से तेजी लेकर आता है और इस बार 4 से 10 फीसदी तेजी आ सकती है। लेकिन महीना खत्म होने को है और अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। आज समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने भी एक कयास भरी रिपोर्ट चलाई है कि जनवरी ऐतिहासिक रूप से बाजार के धसकने का महीना है और इस बार सेंसेक्स 10औरऔर भी

दुनिया के प्रमुख देशों के इक्विटी बाजार छुट्टियों के चलते बंद हैं, जबकि भारत का बाजार रोलओवर में व्यस्त है। चूंकि बाजार ओवरसोल्ड अवस्था में पहुंचा हुआ है, इसलिए रोलओवर इस समय शॉर्ट सौदों के हो रहे है और बाजार नीचे की दिशा पकड़कर उथल-पुथल मचा रहा है। फिर भी रुझान ऊपर की दिशा का है। निफ्टी आज सुबह 11 बजे से पहले 4800 तक पहुंच गया। लेकिन गिरा तो ऊपर-नीचे होता हुआ आखिर में 0.60 फीसदीऔरऔर भी

बाजार में कोई दिशा नहीं नज़र आती। तेजड़िए और मंदड़िए अपने-अपने तीर-कमान और तर्क लेकर भिड़े हुए हैं। मंदड़ियों के पास शॉर्ट सौदे करने की तमाम वजहें हैं। जैसे, अर्थव्यवस्था का कामकाज ठीक नहीं है, जीडीपी घट रहा है, राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है, कंपनियों का लाभार्जन दबाव में है और बराबर डाउनग्रेड हो रहे हैं। इन सबसे ऊपर उनकी पक्की राय है कि निफ्टी 4000 तक गिर सकता है और अगले छह महीनों में बाजार मेंऔरऔर भी

सनटेक रीयल्टी। मुंबई में महंगे घर और व्यावसायिक इमारतें बनानेवाली कंपनी। लेकिन जिसका सालाना ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) मात्र 35 पैसे हो; जिसने पिछले दो सालों में अपने शेयरधारकों को 2 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर मात्र 12 पैसे का लाभाश दिया है; जिसका शेयर सितंबर के बाद से आधे से भी ज्यादा गिर जाने के बावजूद 957 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। मैं ऐसी कंपनी पर कभी भी दांव नहीं लगा सकता।औरऔर भी

बाजार ने 5200 से करीब-करीब 5800 तक का लंबा सफर तय कर लिया, जबकि तमाम महारथी इसके 4700 व 4800 तक पहुंचने की आस लगाए बैठे रहे। हमने आज आखिरी सेटलमेट के साथ साल का अंत कर दिया है। कल से होनेवाला कोई भी सौदा नए वित्त वर्ष के पहले सेटलमेंट में गिना जाएगा। इस मुकाम पर बाजार फिलहाल ओवरबॉट स्थिति में पहुंच गया लगता है। पंटर लोग इसके 5910 पर पहुंचने की उम्मीद लगाए हुए हैंऔरऔर भी

म्यूचुअल फंडों की तरफ से अपने एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) को संभालने की कवायत जारी है। निफ्टी 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के साथ-साथ साधारण मूविंग औसत (एसएमए) को भी पार गया है जो अब बढ़त की दिशा पकड़ने का साफ संकेत दे रहा है। आज सेंसेक्स 19,000 और निफ्टी 5700 के ऊपर चला गया। बाजार आधा फीसदी से ज्यादा बढ़त लेकर बंद हुआ है। लेकिन मेरे सभी दोस्त अब भी निफ्टी के 4700 व 4800औरऔर भी

फंडामेंटल जस के तस, फिर भी बाजार खटाखट 1000 अंक ऊपर चला गया! लोगों को अचानक अर्थव्यवस्था व कॉरपोरेट क्षेत्र की मजबूती का इलहाम हो रहा है। लेकिन हम लगातार इस सच से निवेशकों को वाकिफ कराते रहे हैं कि ताकि उनका विश्वास गिरने न पाए। हालांकि हमें यह भी पता है कि निवेशक जो देखते-सुनते हैं, अफवाहों की ताकतवर मशीनरी जैसा उन्हें समझाती है, वे उसी में बह जाते हैं। हर कोई अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और मार्केटऔरऔर भी

हम लीक से हटकर सोचते और बोलते रहे। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति एक दृढ़ व सकारात्मक धारणा पर डटे रहे। आज हम सही साबित हो गए। सेंसेक्स व निफ्टी दोनों करीब ढाई फीसदी की बढ़त ले चुके हैं। निफ्टी निर्णायक तौर पर 5600 के पार चला गया। इस महीने ऐसा हो जाएगा, इसकी कल्पना तक बाजार के भाई लोगों ने कतई नहीं की थी। हर कोई बाजार के डूबने की ही भविष्यवाणी कर रहा था। स्थिति यहऔरऔर भी