पेट्रोल के बाद सरकार अब डीज़ल के मूल्यों से भी नियंत्रण खत्म करने जा रही है। वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया, “सरकार सैद्धांतिक रूप से डीज़ल की कीमतों से नियंत्रण को हटाने के लिए तैयार है। लेकिन इस तरह का कोई भी प्रस्ताव रसोई गैस के लिए विचाराधीन नहीं है।” मालूम हो कि सरकार ने जून 2010 से ही पेट्रोल को बाजार शक्तियों के हवाले करऔरऔर भी

देश का विदेशी मुद्रा भंडार देश पर चढ़े विदेशी ऋण से कम हो गया है। इन हालात में रिजर्व बैंक चाहकर भी रुपए को गिरने से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। शुक्रवार को वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने लोकसभा में बताया कि अद्यतन आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी ऋण जून 2011 के अंत तक 316.9 अरब डॉलर का था। वहीं, रिजर्व बैंक की तरफ से दी गई जानकारीऔरऔर भी

एक तरफ केंद्र की यूपीए सरकार अण्णा हज़ारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को न संभाल पाने से परेशान हैं, दूसरी तरफ शेयर बाजार की गिरावट व पस्तहिम्मती ने सरकार के प्रमुख कर्णधार व संकटमोचक वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को हिलाकर रख दिया है। दिक्कत यह भी है कि हमारे शेयर बाजार की गिरावट की मुख्य वजह चूंकि वैश्विक हालात हैं, इसलिए वित्त मंत्री ढाढस बंधाने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकते। शुक्रवार को वि‍त्‍त मंत्री प्रणवऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके सभी अनुषंगी बैंकों के विलय करने का निर्णय ले लिया गया है। वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को लेफ्ट सांसद डी राजा के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार की मौजूदा नीति के तहत एकीकरण के लिए बैंकों के प्रबंधन की ओर से पहल करनी होती है। उन्होंने हालांकि कहा किऔरऔर भी