नए ज़माने की राह
हर ज़माने में धन और शोहरत कमाने के रास्ते अलग होते हैं। जो इन रास्तों को छोड़कर चलते हैं, उन्हें शुरुआत में बहुत ही कठिन-कठोर परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन अंततः कामयाब हो गए तो उनकी राह नए ज़माने की राह बन जाती है।और भीऔर भी
हर ज़माने में धन और शोहरत कमाने के रास्ते अलग होते हैं। जो इन रास्तों को छोड़कर चलते हैं, उन्हें शुरुआत में बहुत ही कठिन-कठोर परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन अंततः कामयाब हो गए तो उनकी राह नए ज़माने की राह बन जाती है।और भीऔर भी
बात किसने कही, यह महत्वपूर्ण नहीं। महत्वपूर्ण यह है कि वह हमारी विचार-श्रृंखला को कहां तक आगे बढ़ाती है, हमारे कितने काम की है। इसलिए विचारों को हमेशा नाम से काटकर देखना चाहिए।और भीऔर भी
जो हुआ, जैसे हुआ, उसे वैसा ही होना था। पछताना क्या? हमारे साथ नहीं होता तो किसी और के साथ होता। बस, नाम बदल जाता। घात-प्रतिघात से ही जीवन बनता है और हमारे कर्मों से संवरता है।और भीऔर भी
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