दबंग हो, ईमानदार हो तो लगाओ दांव
कंपनियां भी इंसान ही चलाते हैं, कोई भगवान नहीं। हर कंपनी के पीछे प्रवर्तक और उनका बनाया प्रबंधन होता है। हमें उसी कंपनी में पूंजी लगानी चाहिए जिसका कामकाज पारदर्शी हो, प्रबंधन ईमानदार हो और उसे पूंजी का सही नियोजन आता हो। जिस कंपनी के प्रवर्तकों ने अपने शेयरों का कुछ हिस्सा गिरवी रख रखा हो, उससे दूर रहना चाहिए क्योंकि गिरते बाज़ार की भंवर इन्हें डुबा देती है। इस हफ्ते बायोफार्मा सेगमेंट की सबसे दबंग कंपनी…औरऔर भी
दवाओं पर घर बैठे पाइए 80% तक डिस्काउंट
यह कोई विज्ञापन या झूठा दावा नहीं, बल्कि सच है। इसमें आप खुद अपनी मदद कर सकते हैं और बहुत सारी दवाओं को 80 फीसदी तक कम दाम पर खरीद सकते हैं। यह सुविधा उपलब्ध कराई है एक वेबसाइट ने। पता है medguideindia.com या मेडगाइडइंडिया डॉट कॉम। यह साइट वैसे तो पांच साल पहले शुरू की गई थी। लेकिन अब धीरे-धीरे यह लोकप्रिय होती जा रही है। इस साइट को विनोद कुमार मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफऔरऔर भी
दवा है दारू नहीं
शरीर अपना काम करीने से करता है। मगर हम उसकी व्यवस्था में खलल डालते हैं तो लड़खड़ाने लगता है। दवा से मदद करना अच्छा है। लेकिन दारू या तंबाकू तो शरीर की धमनियों तक को झकझोर डालते हैं। इसलिए उनसे तौबा ही बेहतर है।और भीऔर भी
संस्कृत है खुली संस्कृति
।।मनमोहन सिंह।। संस्कृत भारत की आत्मा है। संस्कृत विश्व की प्राचीनतम जीवित भाषाओं में से एक है। लेकिन प्रायः इसके बारे में गलत धारणा है कि यह केवल धार्मिक श्लोकों और अनुष्ठानों की ही भाषा है। इस प्रकार की भ्रांति न केवल इस भाषा की महत्ता के प्रति अन्याय है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि हम कौटिल्य, चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त व भास्कराचार्य जैसे अनेक लेखकों, विचारकों, ऋषि-मुनियों और वैज्ञानिकों के कार्य केऔरऔर भी
भारत के परंपरागत ज्ञान का संरक्षण होगा
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) भारत के साथ मिलकर आयुर्वेदिक औषधि और यूनानी जैसे परंपरागत ज्ञान पर तीन दिवसीय बैठक का अगले महीने आयोजन करेगा। यह बैठक 22 से 24 मार्च तक चलेगी और इसके आयोजन में सीएसआईआर भी शामिल है। जिनेवा स्थित वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन दुनिया भर में बौद्धिक संपदा अधिकारों को बढ़ावा और संरक्षण देने का काम करता है। दिल्ली में होनेवाली इस बैठक से बौद्धिक संपदा अधिकारों और पेटेंट केऔरऔर भी
मलयेशिया में लोकप्रिय हो रहा है आयुर्वेद
मलयेशिया में इलाज के लिए वैकल्पिक दवा के रूप में भारतीय आयुर्वेद काफी लोकप्रिय हो रहा है। ऐसे में मलयेशिया के विशेषज्ञ चाहते हैं कि भारत मलयेशियाई लोगों के बीच इस परंपरागत दवा की पहुंच बढ़ाने के लिए अपना सहयोग दे। मलयेशिया में चीनी और भारतीय समुदाय में परंपरागत दवाओं की तुलना में परंपरागत चीनी दवाओं (टीसीएम) और भारतीय आयुर्वेद के साथ सिद्ध दवाएं काफी लोकप्रिय हैं। मलयेशियन सोसायटी फॉर कंप्लीमेंटरी मेडिसिन (एमएससीएम) के डॉ. ली चीनऔरऔर भी