krishna-gopis

जो भी पैदा हुआ है, वह मरेगा। यह प्रकृति का चक्र है, नियम है। ट्रेन पर सवार हैं तो ट्रेन की होनी से आप भाग नहीं सकते। कूदेंगे तो मिट जाएंगे। यह हर जीवधारी की सीमा है। इसमें जानवर भी हैं, इंसान भी। लेकिन जानवर प्रकृति की शक्तियों के रहमोकरम पर हैं, जबकि इंसान ने इन शक्तियों को अपना सेवक बनाने की चेष्ठा की है। इसमें अभी तक कामयाब हुआ है। आगे भी होता रहेगा। मगर, यहांऔरऔर भी

भगवान और धर्म के नाम पर खुल्लमखुल्ला लूट सदियों से जारी है। कभी राजा-महाराजा से लेकर पंडित, पादरी और मुल्ला यह काम करते थे। इतने अनुष्ठान कि लोगों का तर्क तेल लेने चला जाए। अब बाजार के जमाने में वही काम विज्ञापन करने लगे हैं।और भीऔर भी

तमाम बुरी खबरें पचा गया बाजार। इसमें इनफोसिस के खराब नतीजे, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की कमतर वृद्धि और इन सबके ऊपर मुंबई के झावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर में हुए सीरियल बम धमाके। बाजार ने साबित कर दिया कि निफ्टी में 5500 का स्तर बहुत मजबूत स्तर है जहां बाजार ने पर्याप्त पकड़ दिखाई है। कुल मिलाकर बाजार थोड़ा गिरकर बंद हुआ क्योंकि सबको इंतजार था कि यूरोप में बैंकों के स्ट्रेस टेस्ट का नतीजाऔरऔर भी

कोई चीज बहुत जल्दी, बहुत आसानी से हो जाए तो बहुतों के लिए उसे पचा पाना बहुत मुश्किल होता है। शेयर बाजार जिस तरह से सुधरा है, निफ्टी 5180 और सेंसेक्स 17,770 से जिस तेजी से उठा है, उससे कभी-कभी डर भी लगता है कि कहीं सब फिर से पटरा न हो जाए। वैसे, आपको याद होगा कि बाजार के इन स्तरों पर पहुंचने पर हमने साफ कहा था कि वह अब तलहटी पकड़ चुका है औरऔरऔर भी