शेयरों की ज्वाला पर टूटते पतंगे
पानी ऊपर से नीचे बहता है। लेकिन बचत हमेशा कम से ज्यादा रिटर्न की तरफ बहती है। इधर ब्याज दर घटने पर लोगबाग एफडी से धन निकालकर म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों में लगाने लगे हैं। शेयरों की ज्वाला पर भी पतंगे टूटे पड़े हैं। इससे म्यूचुअल फंडों और ब्रोकरों की कमाई बढ़ गई है। लेकिन निवेशकों की कमाई अंततः बढ़ पाएगी या 2008 जैसा हश्र होगा? यह अहम सवाल है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी