दाग हमेशा तो नहीं, लेकिन कभी-कभी अच्छे होते हैं। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के आला अधिकारी पर रिश्वतखोरी का दाग नहीं लगता तो उसके शेयर 36.77 फीसदी नहीं गिरते। 23 नवंबर को इस कांड के उजागर होने से पहले 23 नवंबर को यह शेयर 261.63 रुपए पर था और 10 दिसंबर को 165.41 तक गिर गया। हालांकि तब यह शेयर दस रुपए का अंकित मूल्य का था और उसका वास्तविक भाव 1308.15 रुपए से गिरकर 827.05 रुपए तकऔरऔर भी

आज बात बाजार की उठापटक से थोड़ा हटकर। कारण, आखिरी डेढ़-दो घंटों में कुछ ऐसा हो गया जो सचमुच आकस्मिक था। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से लेकर तीन सरकारी बैंकों के अधिकारियों का रिश्वतखोरी में लिप्त होना हमारे वित्तीय तंत्र की बड़ी खामी को उजागर करता है। यह बड़ा और बेहद गंभीर मसला है जो अगले कुछ दिनों तक हमारे नियामकों व बाजार के जेहन को मथता रहेगा। इसलिए आज कुछ स्थाई किस्म की बात जो हो सकताऔरऔर भी