विवेक तर्क की स्वाभाविक परिणति है, स्मृति विवेकयुक्त साधना और एकात्मता साधनायुक्त स्मृति की। तर्क विवेक तक ले जाता है। स्मृति अपने उत्स की ओर लौटना है। एकात्मता की अवस्था में तो जीने-मरने जैसे द्वैतभाव ही मिट जाते हैं।और भीऔर भी

हमें हर वक्त अपना काम इतना टंच रखना चाहिए और जीवन को इतने मुक्त भाव से जीना चाहिए कि अगले ही पल अगर मौत हो जाए तो कतई मलाल न रहे कि हमने ये नहीं किया या वो नहीं किया। जिम्मेदारी से जीना। मुक्त मन से जाना।और भीऔर भी

भावुक किस्म के जीव हैं हम। सजीव क्या, निर्जीव चीजों तक से मोह पाल लेते हैं। साल-छह महीने भी साथ रह लिए तो छोड़ते वक्त गला भर आता है। पर दुनियादारी के लिए यह भावुकता भली नहीं।और भीऔर भी

बराक ओबामा ने अमेरिका में नौकरियों के नए अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिए 447 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा कर दी। वहां अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं तो ओबामा को ऐसा कुछ करना ही था। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत में थोड़ा और सुधार आएगा। यह अलग बात है कि इस पैकेज की राह में आनेवाली राजनीतिक अड़चनों की सोचकर अमेरिका व यूरोप के बाजारों ने इस पर तल्ख नकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है। अपनेऔरऔर भी

मरना हमारी मजबूरी है। लेकिन जीना भी तो एक तरह की मजबूरी है। मरने की मजबूरी को हम बदल नहीं सकते। लेकिन जीने की मजबूरी को हम चाहें तो अपनी सक्रियता से जश्न में बदल सकते हैं।और भीऔर भी

जीने की चाह में मरे जा रहे हैं। अस्सी साल, नब्बे साल, सौ साल। इत्ता जीकर क्या करोगे बापू? असली सुख तो पाया नहीं! जाना ही नहीं कि हमारे अंदर-बाहर जो भी हो रहा है, वो हो क्यों रहा है असल में।और भीऔर भी

कभी-कभी किसी के साथ रहना सज़ा से कम नहीं होता। सज़ा आजीवन कारावास की हो तो और सांसत! गुनाह किया हो तो सज़ा कुबूल है। लेकिन बगैर गुनाह के सज़ा मिलना तो सरासर नाइंसाफी है भाई।और भीऔर भी