केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने आज इस बात से इन्कार किया कि पोस्को स्टील परियोजना को लेकर उड़ीसा सरकार के साथ केंद्र कोई भेदभाव कर रहा है। उन्होंने उल्टे यह दावा किया कि यह मसला अब राज्य सरकार के पाले में है और परियोजना पर प्रगति के लिए कदम उसी को ही उठाने हैं। उड़ीसा के दो दिन के दौरे पर जयराम रमेश ने भुवनेश्वर में समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘‘हमने पोस्को परियोजना केऔरऔर भी

समुद्री किनारे के इलाकों में खतरे की रेखा या हैजार्ड लाइन को स्पष्ट करने के लिए सरकार एक निजी फर्म के साथ मिलकर गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक सात किलोमीटर चौड़ी तटीय पट्टी का डिजिटल नक्शा तैयार करने का फैसला किया है। इस तटीय पट्टी का पूरा क्षेत्रफल करीब 11,000 किलोमीटर होगा। बता दें कि हैजार्ड लाइन समुद्र के किनारे की वह पट्टी है जो समुद्र में जलस्तर बढ़ने, ऊंची लहरों के आने या जलवायु परिवर्तनऔरऔर भी

अपने उद्योग विरोधी रुख के चलते आलोचनाओं के घेरे में रहने वाले पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने देश के तीन राज्यों में बाजार आधारित उत्सर्जन प्रणाली की प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार उद्योग जगत के लिए बिना नियामकों के स्व-नियमन की व्यवस्था चाहती है। इस परियोजना में कार्बन क्रेडिट की ट्रेडिंग की व्यवस्था की गई है। रमेश ने राजधानी दिल्ली में गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाड़ु के लिए इस प्रायोगिक परियोजना की औपचारिक शुरुआतऔरऔर भी

वनों की अंधाधुंध कटाई की वजह से देश के वन क्षेत्र में आ रही कमी पर चिंता जाहिर करते हुए राज्यसभा में सरकार से इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की गई। उल्लेखनीय है कि इसी रविवार को पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा था कि देश के 33 फीसदी हिस्से को वनों से ढंकने का लक्ष्य एकदम व्यावहारिक नहीं है। अभी देश के 21 फीसदी हिस्से में वन हैं। बुधवार को बीजेपी केऔरऔर भी

भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) के प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए महाराष्ट्र के जैतापुर में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया गया है और गुजरात में ऐसे ही एक अन्य संयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायण सामी ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम के प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए महाराष्ट्र केऔरऔर भी

अपने अलग विचारों के लिए अक्सर विवादों में घिरे रहनेवाले पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक नया विवादास्पद बयान दिया है। उनका कहना है कि अगर आर्थिक तरक्की के कारण पर्यावरण को पहुंचे नुकसान को गिना जाए तो देश की आर्थिक वृद्धि दर आठ या नौ फीसदी नहीं, बल्कि साढ़े पांच से छह फीसदी के बीच आंकी जाएगी। रमेश की इस टिप्पणी से पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बीते सोमवार कहा था कि वित्त वर्ष 2009-10औरऔर भी

पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि सरकार वनवासियों के अधिकारों का संरक्षण करने के प्रावधान वाले वनाधिकार कानून की ही तर्ज पर मछुआरों के लिए भी एक अलग कानून बनाएगी। उन्होंने राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को तटीय नियमन क्षेत्र अधिसूचना 2011 जारी होने के मौके पर कहा, ‘‘इस अधिसूचना को तैयार करने वाली डॉ. एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने एक महत्वपूर्ण सिफारिश की है कि सरकार को मछुआरों व तटीय क्षेत्रोंऔरऔर भी