सेंसेक्स हो, निफ्टी हो या हो म्यूचुअल फंड, जोखिम से जुड़े हुए इन बाजार आधारित निवेश विकल्पों ने इस साल जून से ही दिल गार्डन-गार्डन कर रखा है। अब आगे बाजार क्या रुख ले रहा है, इसकी खलबली, भविष्यवाणी सब चल रही है एक साथ। अगले कुछ महीनों में बाजार क्या रहेगा? खलबली क्यों है, बाजार आधारित इस जोखिम भरे स्टॉक या शेयर बाज़ार में निवेश के सुखद अवसर बना रहे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करतेऔरऔर भी

हम निफ्टी में 4650 से ही लांग रहने की सलाह दे रहे थे और निफ्टी वाकई 4820 का बहुप्रतीक्षित प्रतिरोध स्तर पार कर गया है। आज यह 2.25 फीसदी की बढ़त लेकर 4849.55 पर बंद हुआ है। तेजी का एक माहौल परवान चढ़ रहा है। इसके पीछे तमाम कारक हैं। जैसे, दुनिया के बाजारों में सुधार, कमोडिटी के भावों में गिरावट जिससे वहां से निकलकर धन दूसरे माध्यमों में जाने लगा है, भारत में खाद्य मुद्रास्फीति काऔरऔर भी

रूप तात्कालिक है, गुण स्थाई है। शरीर नश्वर है, आत्मा स्थाई है। आईटी सेक्टर अगस्त महीने का सबसे बुरा सेक्टर रहा जिसकी अहम वजह है डेरिवेटिव सौदों में फिजिकल सेटलमेंट का अभाव। यह स्टॉक एक्सचेंजों के लिए ड्रैकुला या वैम्पायर बना हुआ है। मेरे पास इसके लिए कोई शब्द नहीं है क्योंकि यह स्थिति सचमुच सभी ट्रेडरों व निवेशकों का खून चूसे जा रही है। इसके चलते आज 95 फीसदी निवेशक लगभग अपनी सारी पूंजी गंवा चुकेऔरऔर भी

कल सुबह शुक्रवार, 15 अप्रैल को बाजार खुलने से पहले इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्त वर्ष 2010-11 के नतीजे आ चुके होंगे। तीन तिमाहियों के नतीजे सामने हैं तो चौथी तिमाही का रहस्य खुलने का इंतजार पूरे बाजार को है। उम्मीद का जा रही है कि नतीजे सकारात्मक रूप से चौंकानेवाले होंगे। कुछ इसी उम्मीद में पिछले तीन कारोबारी सत्रों में इनफोसिस का शेयर 2.45 फीसदी बढ़ चुका है। 8 अप्रैल को इसका बंदऔरऔर भी

इनफोसिस टेक्नोलॉजीज ने कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों का आगाज कर दिया। कंपनी की आय 23.8 फीसदी और शुद्ध लाभ 14.2 फीसदी बढ़ गया है। लेकिन बाजार इससे ज्यादा उम्मीद लगाए बैठा था। इसलिए इनफोसिस के शेयर गुरुवार को करीब पांच फीसदी गिर गए। कंपनी ने 31 दिसंबर 2010 को खत्म तिमाही में समेकित आधार पर 7106 करोड़ रुपए की आय हासिल की है जो सितंबर तिमाही से 2.3 फीसदी और पिछले साल भर की दिसंबरऔरऔर भी