स्टील बनाने का मुख्य कच्चा माल आइरन ओर है। लेकिन देश में स्टील का उत्पादन मांग से कम होने के बावजूद हम आइरन ओर का जमकर निर्यात करते हैं। यहां तक कि भारत दुनिया में आइरन ओर का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इस्पात मंत्रालय की तरफ से दी गई अद्यतन जानकारी के अनुसार अप्रैल-दिसम्‍बर 2010 के दौरान देश में 464.40 लाख टन स्टील घरेलू इस्‍तेमाल के लिए उपलब्‍ध था, जबकि इसकी मांग 518 लाख टनऔरऔर भी

निर्यात शुल्क बढने से भारत से लौह अयस्क का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2011-12 में करीब 25 फीसदी घटकर नौ करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह अनुमान खनन उद्योग ने लगाया है। सरकार ने अब लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा इस साल निर्यातकों को कई और बाधाओं का सामना करना पड़ा है। लौह अयस्क का निर्यात कर्नाटक द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण आठ माह सेऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने कहा है कि स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने झारखंड में चिरिया खदानों को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि सेल ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए वैश्विक सलाहकार नियुक्त किए हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम आस्ट्रेलिया की फर्म हैच एसोसिएट्स को दिया गया है। मंत्री ने बताया कि पर्यावरण व वनऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएमडीसी जनवरी-मार्च तिमाही में लौह अयस्क (आइरन ओर) की कीमतों में तीन फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती है। इससे जेएसडब्ल्यू, एस्सार और टाटा स्टील जैसी इस्पात कंपनियां दाम बढ़ाने को प्रोत्साहित हो सकती हैं। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रेस्ट के अनुसार कंपनी के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘एनएमडीसी जनवरी से लौह अयस्क की कीमतें तीन फीसदी तक बढ़ा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि मांग बढ़ने और वैश्विकऔरऔर भी

गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड (बीएसई – 532734, एनएसई – GPIL) बी ग्रुप की कंपनी है। किसी सूचकांक में शामिल नहीं तो शेयर बाजार में मची हायतौबा से बाहर है। बाजार गिरे या बढ़े, उस पर फर्क जरूर पड़ता है, लेकिन ज्यादा नहीं। जैसे कल सेंसेक्स 1.33 फीसदी गिर गया, जबकि उसमें आई गिरावट 0.58 फीसदी ही रही। उसमें सेंसेक्स जैसा भारी उतार-चढ़ाव भी नहीं है। वह 193.25 से 198.95 रुपए के सीमित दायरे में सुकून सेऔरऔर भी

वेदांता समूह की कंपनी सेसा गोवा का शेयर इस साल अप्रैल में 490 रुपए के ऊपर चला गया था। 8 अप्रैल को उसने 494.30 रुपए पर 52 हफ्ते का सर्वोच्च स्तर हासिल किया था। अभी 340 रुपए के आसपास डोल रहा है। अगस्त में वेदांता समूह द्वारा केयर्न एनर्जी की 20 फीसदी हिस्सेदारी सेसा गोवा के खाते से खरीदने की घोषणा हुई तो अचानक इसके शेयर घटकर 312 रुपए पर आ गए थे। 9 सितंबर को तोऔरऔर भी

अगर दांतेवाड़ा का नक्सली हमला एक महीने पहले हो जाता तो शायद सरकारी कंपनी एनएमडीसी का 10 से 12 मार्च तक खुला एफपीओ (फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर) एकदम सब्सक्राइब ही नहीं हो पाता क्योंकि कंपनी अपने लौह अयस्क का 80 फीसदी हिस्सा इसी जिले की खानों से निकालती है। वह कुल 290 लाख टन लौह अयस्क का उत्पादन करती है जिसमें से 220 लाख टन दांतेवाड़ा जिले की बैलाडीला और 70 लाख टन कर्णाटक की दोणिमिले खानोंऔरऔर भी