रेल बजट में 18.5% बढ़ा किराया, हाल-बेहाल
रुपयों के खेल में चंद पैसों का कोई मायने नहीं होता। शायद रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट 2012-13 में इसी आम मनोविज्ञान को कुशल मार्केटिंग के अंदाज में इस्तेमाल करने की कोशिश की। उन्होंने पहले तो रेलवे की खस्ता माली हालत का रोना रोया। कहा, “कंधे झुक गए हैं, कमर लचक गई है। बोझा उठा-उठाकर बेचारी रेल थक गई है। रेलगाड़ी को नई दवा, नया असर चाहिए। इस सफर में मुझे आप-सा हमसफर चाहिए।” इसकेऔरऔर भी