पूरा चुनावी बजट, गरीब मतदाता खींचे, मशीनरी चुस्त, ग्रीस की कोई कमी नहीं
हर तरफ हल्ला है। अखबारों से लेकर टीवी चैनलों और कॉरपोरेट क्षेत्र में तारीफ-दर-तारीफ हो रही है कि एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने के बावजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को लोकलुभावन होने से बचा लिया। विकास पर ही पूरा ध्यान रखा। साथ ही राजकोषीय अनुशासन का पूरा पालन किया। सरकार की उधारी नहीं बढ़ने दी और राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9% तक सीमित रखा।औरऔर भी
थमने का मतलब रुक जाना नहीं होता!
अर्थकाम के अब तक के सफर के हमसफर दोस्तों! अब तक मैंने ट्रेडिंग बुद्ध और तथास्तु की सेवा थोड़े-बहुत व्यवधान के बावजूद बराबर जारी रखी। लेकिन इधर स्वास्थ्य संबंधी कुछ जटिल समस्याएं आ गई हैं। सच बताऊं तो मेरे हार्ट की बाईपास सर्जरी ज़रूरी हो गई है। कल 4 फरवरी को सीना खोलकर यह ऑपरेशन किया जाएगा। उसके बाद हील होने में अमूमन पांच-छह हफ्ते लग ही जाते हैं। उसके बाद ही काम करने लायक हो पाऊंगा।औरऔर भी
सामाजिक सुरक्षा से महरूम देश में निजी घोंसले के तिनके भी छीने गए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कर-मुक्त आय की सीमा 2.50 लाख रुपए के वर्तमान स्तर से मात्र 50,000 रुपए बढ़ाकर 3 लाख रुपए की है। लेकिन उन्होंने चारा फेंका है कि नई टैक्स प्रणाली के तहत अगर आप साल भर में 7 लाख रुपए तक कमाते हैं तो आपको कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा क्योंकि आयकर कानून के सेक्शन 87-ए के तहत टैक्स रियायत की सीमा 12,500 रुपए से बढ़ाकरऔरऔर भी