सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकार से रियायती कीमत पर मिली जमीन पर निर्मित निजी अस्पतालों को समाज के कमजोर तबके को मुफ्त इलाज मुहैया कराना ही होगा और वे इस संबंध में अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन और ए के पटनायक की खंडपीठ ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के इन अस्पतालों से कहा है कि उन्हें अपने बाह्यरोगी विभाग (ओपीडी) में कमजोर वर्ग के 25 फीसदी लोगों काऔरऔर भी

आगे से देश भर में कहीं भी सरकारी जमीन अगर गलत तरीके से बेची या लीज पर दी गई है तो उसके लिए सीधे आप केंद्रीय मंत्रिमंडल को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं क्योंकि उसकी मंजूरी के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता। कैबिनेट सचिवालय ने सभी प्रमुख मंत्रालयों और विभागों को निर्देश भेजा है कि सरकार या सरकारी संस्थाओं की जमीन बेचने या लीज पर देने पर पहले वित्त मंत्रालय के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरीऔरऔर भी