आभा और भ्रम
2011-10-08
हम अपनी ही आभा की झूठी चकाचौंध और भ्रमों के बोझ तले इस कदर दबे रहते हैं कि असली सच को देख नहीं पाते। वह सच, जो हम से पूरी तरह स्वतंत्र है, जिससे हमारी पूरी दुनिया संचालित होती है।और भीऔर भी
उम्र को मात
2011-10-07
कुछ कर गुजरने की ज्वाला को अपने अंदर धीमा मत पड़ने दीजिए। फिर देखिए कि बुरे से बुरे हालात और वक्त भी आपको धूमिल नहीं कर पाएंगे। यहां तक कि उम्र भी आपकी आभा को मंद नहीं कर पाएगी।और भीऔर भी